अररिया: जिले के तमाम नियोजित शिक्षकों ने पटना में शिक्षकों की पिटाई के विरोध में समाहरणालय परिसर में धरना दिया. हालांकि उस समय अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब धरना स्थल पर दो गुट के शिक्षक आपस में ही उलझ गए. इस दौरान शिक्षकों ने मीडियाकर्मियों से बदसलूकी भी की.
नियोजित शिक्षकों ने अलग-अलग निकाला मार्च
बिहार सभी नियोजित शिक्षकों ने राजधानी पटना में 18 जुलाई को आंदोलन किया था. धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान पुलिस की तरफ से लाठी चार्ज किया गया था. इसके विरोध में अररिया में नियोजित शिक्षकों ने प्रतिरोध मार्च निकाला गया. हालांकि यहां शिक्षकों के बीच फूट भी देखने को मिली. दो गुटों ने अलग-अलग जगहों से मार्च निकाला. एक गूट बस स्टैंड से तो दूसरे ने समाहरणालय स्थित धरना स्थल से मार्च निकाला.
प्रतिरोध मार्च निकालते नियोजित शिक्षक शिक्षकों ने की मीडिया से बदसलूकी
दोनों गुटों के समाहरणालय परिसर में एकजुट होते ही नोंकझोंक शुरू हो गया. बैनर में नाम नहीं होने पर दूसरे संगठन के नियोजित शिक्षक उलझ गए. मंच पर ही एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इस दौरान मीडिया कर्मियों को नियोजित शिक्षकों ने कवरेज करने से रोक दिया. कुछ शिक्षक सरेआम बदसलूकी करने पर उतारू हो गए. शिक्षकों ने मीडिया के कैमरे को जबरदस्ती बंद करा दिया.
अररिया में नियोजित शिक्षकों के धरना स्थल पर बवाल अररिया में शिक्षकों के 5 संगठन
गौरतलब है कि अपनी मांगों की पूर्ति के लिए जिला के तमाम नियोजित शिक्षक पटना की सड़कों पर उतरे थे. पुलिस की लाठीचार्ज में कुछ शिक्षक घायल हुए. पुलिस ने 5 शिक्षक को गिरफ्तार किया था. जबकि 15 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया था. गिरफ्तार साथी शिक्षकों की रिहाई, मुकदमा वापस लेने और समान काम समान वेतन के समर्थन में यह मार्च अररिया में निकाला गया. बताया जाता है कि शिक्षकों का कुल 16 संगठन है. वही अररिया जिले में शिक्षकों के पांच संगठन है.