अररिया:नगर परिषद शहर के घरों से कचरा उठा तो रही है, लेकिन कोई सुरक्षित जगह नहीं होने की वजह से कचरे को खुले में नहर के किनारे या फिर हरियाली मार्किट के पास फेंक दिया जाता है.
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कचरे में सबसे ज्यादा हानिकारक प्लास्टिक बैग होते हैं, जबकि सरकारी आदेश के अनुसार प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया गया है. फुटकर दुकानदारों के साथ स्थायी दुकानदार भी धड़ल्ले से प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कचरा के साथ प्लास्टिक बैग खा लेते हैं मवेशी
यही प्लास्टिक बैग जब कचरे में जाता है तो मवेशी इसे अपना चारा बना लेते हैं. हरियाली मार्केट के पास फेंके कचरे में से दर्जनों मवेशी खुराक ढूंढते नजर आते हैं. कचरा खाने से दुधारू पशुओं में ज्यादा कुप्रभाव नजर आने लगा है.
मवेशी मालिकों का कहना है कि महंगाई के कारण अपने पशुओं को सही तरह से चारा उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है. इसी मजबूरीवश मवेशियों को खुले में छोड़ना पड़ता है. एक मवेशी पालक ने बताया कि मेरी दुधारू गाय खुला रहती थी धीरे-धीरे वह दूध कम देने लगी. हमलोग समझ नहीं पाए कि कौन सा रोग हुआ है, लेकिन कुछ दिन बाद बीमार हालात में उसकी मौत हो गई. इस लिए हम अपने दूसरे मवेशियों को अब बाहर नहीं जाने देते हैं. कमी के बावजूद घर पर ही चारा उपलध करा रहे हैं.
आंत में फंसे प्लास्टिक का उपचार सिर्फ ऑपरेशन
जिला पशु चिकित्सक फिरोज अख्तर ने बताया कि कचरा के साथ प्लास्टिक बैग खाकर मवेशियों में फूड प्वाइजनिंग की समस्या सबसे ज्यादा उत्पन्न होती है. इससे मवेशी कमजोर हो जाते हैं, अगर समय रहते उनका इलाज नहीं कराया गया तो वो मर भी जाते हैं.
फिरोज ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान मवेशियों को कचरे के साथ प्लास्टिक बैग के खाने से होता है. ये प्लास्टिक बैग पेट के आंत में फंस जाते हैं. इससे मवेशी रोग के शिकार हो जाते हैं. उनका खाना-पीना कम हो जाता है और अंत में वे मर जाती हैं.
"आंत में फंसे प्लास्टिक का इलाज सिर्फ ऑपरेशन से संभव है. प्लास्टिक बैग प्रतिबंधित होने के बावजूद खुले में बिकना एक अपराध की श्रेणी में आता है. इसलिए इसका उपयोग नहीं करना हम सभी की जिम्मीदरी है."- मुर्शिद रजा, अररिया