अररियाः जिले के एक छोटे से गांव में जन्में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी लिखी कहानी मैला आंचल को भला कौन भूल सकता है. जिसमें उन्होंने इलाके की बदहाली का जिक्र किया है. लेकिन आज तक उनके ही गांव का मैला आंचल नहीं साफ हुआ है.
फणीश्वरनाथ रेणु का मैला आंचल 'मैला' ही है, मुख्यमंत्री भी आए लेकिन साफ नहीं किए - पुण्यतिथि
अररिया जिले के एक छोटे से गांव में महान कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म हुआ. उनकी लिखी कहानी मैला आंचल पर कई देशी एवं विदेशी नागरिकों ने शोध किया है. लेकिन आज भी रेणु जी के गांव औराही हिंगना तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क तक नहीं है.
फणीश्वरनाथ रेणु
जबकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनके पुण्यतिथि पर राजकीय उत्सव मनाने का ऐलान किया है. लेकिन सरकार ने इतने ख्याति प्राप्त महान कथा शिल्पी के गांव के हालात सुधार में कोई ध्यान नहीं दिया.
रेणु जी के बड़े बेटे ने पूर्व विधायक पदम्पराग राय बेनु ने बताया कि इतने बड़े कथाकार के गांव में जो सुविधा होनी चाहिए वो नहीं हो पाई है. आपको बता दें कि रेणु जी की लिखी कहानियों में आंचलिकता झलकती है. जो उनको सबसे अलग बनाती है.