अररियाः जिला के कोर्ट स्टेशन पर सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां ट्रेन बगैर किसी सिग्नल के आती है, रुकती और चली जाती है. दूर सफर के लिए एक मात्र ट्रेन सीमांचल एक्सप्रेस है, जिसमें यात्रियों की काफी भीड़ होती है. यहां से काफी संख्या में लोग बाहर मजदूरी करने जाते हैं. जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
लम्बी दूरी की ट्रेनें नहीं
अररिया कोर्ट स्टेशन तीसरी कैटेगरी का स्टेशन है. यह स्टेशन कटिहार डिवीजन में आता है. जबकि इसे NRF जोन में रखा गया है, स्टेशन पर मात्र एक ही पटरी है, जिस पर ट्रेन चलती है. स्टेशन से मुख्यतः दो सुपर फास्ट ट्रेन गुजरती है. सीमांचल और कोलकाता एक्सप्रेस, बाकी कई पैसेन्जर ट्रेनें हैं, जो कटिहार से जोगबनी आती और जाती हैं.
बयान देते यात्री और एमपी सरफराज आलम सुविधाओं का अभाव
अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पर मात्र एक ही टिकट काउंटर है. जिससे यहां के लोगों को टिकट बनवाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है. यहां कोई स्टेशन मास्टर भी नहीं है. जिससे ट्रेन के आने जाने या रुकने के समय का पता चल सके. आज़ादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन पर सिग्नल नहीं लग सका है. यही वजह है कि ट्रेन अपनी मर्ज़ी से आती और जाती है. यहां के लोगों की मांग है कि इस स्टेशन पर जिन सुविधाओं का अभाव है उसे दरुस्त किया जाए. ताकि आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो.
क्या बोले एमपी
दरअसल, यहां के ज्यादातर लोग रोजगार ढूंढ़ने के लिए दिल्ली या पंजाब जाते हैं. जिन्हें आने जाने में काफी परेशानी होती है. हालांकि इस मामले पर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि इसका काम बहुत तेज़ी से चल रहा है. इसे बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा. लोगों की तकलीफ भी दूर हो जाएगी. मालूम हो कि इस स्टेशन को अररिया सांसद के पिता स्वर्गीय तस्लीमउद्दीन ने आदर्श स्टेशन बनाने का जिम्मा लिया था. लेकिन उनके रहते हुए तक कुछ नहीं हो सका.