बिहार

bihar

अररिया: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई अबुल कलाम आजाद की जयंती

By

Published : Nov 11, 2020, 10:28 PM IST

अररिया में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई. इस दौरान प्रधानाध्यापक ने कहा कि आज हर एक नागरिक को शिक्षित होने की जरूरत है.

araria
अबुल कलाम आजाद की जयंती

अररिया:फारबिसगंज प्रखंड के सुदूर इलाकों में स्थित तिरसकुण्ड पंचायत के प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला मधुरा में मौलाना अबुल कलाम की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण किया गया.

देश के प्रथम शिक्षा मंत्री
प्रधानाध्यापक कुमार राजीव रंजन ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी का जिक्र करते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के प्रथम शिक्षा मंत्री थे. इनका जन्म 11 नवम्बर 1888 को मक्का शहर में हुआ था. शिक्षा मंत्री के साथ-साथ उच्च विचार वाले अग्रणी नेताओं में इनकी गिनती होती है.

शिक्षित होने की जरूरत
प्रधानाध्यापक ने कहा कि ये भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी के सिद्धांतों के समर्थक हुए. अलग मुस्लिम राष्ट्र के सिद्धांतों का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओं में से एक थे. वे हिंदू मुस्लिम एकता के लिए अनेक कार्य किए. प्रधानाध्यापक ने कहा कि आज हर एक नागरिक को शिक्षित होने की जरूरत है. इससे देश की उन्नति होगी.

कई कार्यकर्ता रहे मौजूद
कुमार राजीव रंजन ने कहा कि आज हमारे देश में अनपढ़ अज्ञानता की वजह से लूटमार, बलात्कार, हत्या इत्यादि घटनाएं आए दिन बढ़ते जा रहे हैं. अगर शिक्षा के दीये हर घर में जल जाएं, तो देश का कोई कोना अंधियारा नहीं रहेगा.

इस मौके पर अनिल काकोधर, उर्दू के मशहूर उपन्यासकार और कवि अल्ताफ हुसैन हाली, सामाजिक कार्यकर्ता अनसुया साराभाई को भी याद किया गया. इस दौरान सामुदायिक शिक्षक चार्लेस किस्कू, रसोइया लुखी देवी, आरती देवी, लखन मुर्मू, हिरा देवी लीलमुनी, श्याम सुन्दर कुमार,प्रीतम मंडल और ग्रामीण उपस्थित रहीं.



ABOUT THE AUTHOR

...view details