अररिया अस्पताल में वेंटिलेटर के टेक्नीशियन नहीं अररिया: बिहार के अररियासदर अस्पताल (Araria Sadar Hospital) में 6 वेंटिलेटर पिछले तीन वर्षों से धूल फांक रहा (Ventilators gathering dust in Araria for three years) है. इन वेंटिलेटर की देखभाल और चालू करने के लिए यहां एक भी टेक्निशियन उपलब्ध नहीं हैं. विदेशों में कोरोना से मरीजों की संख्या को बढ़ते हुए देखकर बिहार सरकार अलर्ट मोड में आ गयी है. जिसके बाद राज्यभर में सभी बड़े अस्पतालों में मंगलवार को मॉक ड्रिल कराया गया. इसका यही उद्देश्य था कि पूरे राज्यभर में अस्पताल की व्यवस्था को सुदृढ और मजबूत बनाया जा सके ताकि आगामी दिनों में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए तैयार रहे.
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वेंटिलेटर टेक्नीशियन की आवश्यकता: अस्पताल सीएस ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर पीएम केयर फण्ड से सदर अस्पताल में मिले वेंटिलेटर पिछले तीन वर्षों से यूं ही पड़े हुएं है. हालांकि इन 6 वेंटीलेटर को इंस्टॉल कर दिया गया है. हालांकि ये सारे वेंटिलेटर आज चालू स्थिति में नहीं है. सीएस डॉ विधान चंद्र ने बताया कि हमारे पास वेंटिलेटर को चालू करने के लिए टेक्नीशियन की जरूरत है. इस अस्पताल में फिजीशियन डॉक्टर की काफी कमी है. जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि जब तक हमें टेक्नीशियन नहीं मिलते हैं. तब तक हमारे पास मौजूद वेंटिलेटर यूं ही पड़े रहेंगे.
"सदर अस्पताल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. किसी भी परिस्थिति के लिए यह अस्पताल तैयार है. हमारे पास वेंटिलेटर को चालू करने के लिए टेक्नीशियन की जरूरत है. इस अस्पताल में फिजीशियन डॉक्टर की काफी कमी है. जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाने की जरूरत है".- डॉ विधान चंद्र, सीएस
अररिया में स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था: स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल में कोविड के सारे नियमों के पालन करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर डॉक्टरों का कहना है कि यह नया वेरिएंट दूसरे देशों से मिला है. इसलिए हम लोगों को अभी से ही अलर्ट होने की जरुरत है. इस वैरिएंट से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर आदि का प्रयोग शुरु कर देना चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में मरीज अगर होंगे. तब इससे रोग बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. जिसके बाद अस्पताल में आए मरीज के रिश्तेदार ने बताया कि हम लोगों से बड़ी भूल हो रही है कि मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं. इस रोग से बचने के लिए अब मास्क बहुत जरूरी हो गया है.
हर परिस्थिति से लड़ने को तैयार: अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट टेक्नीशियन ने बताया कि सदर अस्पताल में 24 घंटा यह प्लांट ऑक्सीजन पहुंचा रहा है. हम लोग हर परिस्थिति के लिए तैयार है. अस्पताल के सिविल सर्जन और विभिन्न पदाधिकारियों ने ऑक्सीजन प्लांट, वार्ड, कोविड जांच केंद्र, दवाइयों, साफ-सफाई और ओपीडी जैसी व्यवस्था का जायजा लिया. सीएस डॉ विधानचंद्र ने बताया कि सदर अस्पताल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. किसी भी परिस्थिति के लिए यह अस्पताल तैयार है.
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