बांका:पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से गिरीश चंद्र मुरमू के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है.
उत्तर प्रदेश में जन्म
बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री और अब जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पद तक का सफर करने वाले मनोज सिन्हा का जन्म हालांकि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला अंतर्गत मोहनपुरा गांव के एक किसान परिवार में 1 जुलाई 1959 को हुआ था. लेकिन उनकी और उनके परिवार की पृष्ठभूमि बिहार के बांका जिला अंतर्गत शंभूगंज प्रखंड के पौकरी पंचायत स्थित भलुआ गांव से जुड़ी है. इस गांव में आज भी उनके परिवार के बहुत सारे परिजन मौजूद हैं और यहीं उनकी खेती किसानी है.
उत्तर प्रदेश के मोहनपुरा गांव में जन्म बांका से भी है रिश्ता
बताया तो यह भी जाता है कि मनोज सिन्हा मूल रूप से इसी भलुआ गांव के हैं, जिनके पूर्वज अतीत में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला अंतर्गत मोहनपुरा गांव में जा बसे थे. भलुआ गांव में मनोज सिन्हा का आज भी पुश्तैनी बासा है. उनका कामत भी है, जिसकी देखरेख उनके ही स्वजन एवं मैनेजर करते हैं. छात्र जीवन से ही लेकर सांसद और केंद्रीय मंत्री रहते हुए उनका यहां आना-जाना लगातार लगा रहा है. बांका जिले के बहुत से लोगों से उनका व्यक्तिगत रिश्ता आज भी कायम है.
बांका से है बेहद खास रिश्ता मनोज सिन्हा की शिक्षा
मनोज सिन्हा की शिक्षा दीक्षा का शुभारंभ मोहनपुरा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हुआ. बाद में उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने बीएचयू में दाखिला लिया और वहीं से आईआईटी की पढ़ाई पूरी की.बीएचयू से ही उन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत की और 1983 में बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. इंजीनियरिंग करने के बाद उन्हें कई अच्छी नौकरियां भी ऑफर हुईं लेकिन उन्होंने इन्हें अस्वीकार करते हुए राजनीति के क्षेत्र में ही अपना कैरियर तलाश किया.
मनोज सिन्हा का राजनीतिक सफर
मनोज सिन्हा वर्ष 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. 1996 में वह पहली बार गाजीपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बने. 1999 में जब दोबारा चुनाव हुआ तो दूसरी बार गाजीपुर से लोकसभा सदस्य चुने गये. वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव तीसरी बार जीतने के बाद मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय मंत्री नियुक्त किए गए. उन्हें रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. अब जबकि उन्हें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक बार फिर से उनकी धमाकेदार वापसी हुई है इस कारण उनके पैतृक प्रखंड सहित सम्पूर्ण बांका जिले में खुशी की लहर है.