पटना (सिटी): बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) शराबबंदी कानून को सख्त बनाने एवं पूर्ण शराबबंदी को लेकर कई कड़े कदम उठाये हैं. साथ ही शराब तस्करी को रोकने के लिये हेलीकॉप्टर, ड्रोन, डॉग स्क्वाड और गस्ती दल सभी मुहैया करवाया गया है. इसके बावजूद भी वाइन स्मगलर कारोबार करने से बाज नहीं आ रहे है. दिनोंदिन शराब की तस्करी बढ़ रही है. ना पीने वालों की कमी है और ना शराब बेचने वालों की.
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शराबबंदी के लिए सख्त इरादे की जरूरत:शराबबंदी को लेकर युवाओं का कहना है कि- 'शराब को रोकने के लिए जब तक समाज के प्रबुद्ध लोग युवाओं के बीच आकर शराब के प्रति नकरात्मक एवं उससे होने वाली परेशानियों से अवगत नहीं कराएंगे. तबतक युवाओं में जागृति नहीं आयेगी. युवाओं को जगाने के लिये सार्थक कदम उठाना जरूरी है. जिस दिन युवाओं में वाइन के प्रति निगेटिव सोच आ जाएगी, उस दिन मुख्यमंत्री का बिहार में शराबबंदी लागू हो जायेगा और उनका मिशन भी पूरा हो जाएगा. अभी युवा भटक रहे हैं क्योंकि वो सार्थक कदम अपनाने की जगह गलत कदम उठा रहे हैं. इसलिए समाज के सभी प्रबुद्ध लोगों को युवाओं के आगे आकर शराब से होने वाली परेशानियों को बताना होगा. अगर 50 % भी युवा शराब के प्रति नकरात्मक सोच रखने लगगें तब मान लीजिए मिशन पूरा हो जाएगा.'
बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.