पटना:बिहार जयप्रकाश की धरती है और जेपी ने बिहार की धरती से ही आंदोलन को राष्ट्रव्यापी स्वरूप दिया था. बिहार में ज्यादातर नेता जेपी आंदोलन के गर्भ से निकले हैं, इन्हीं नेताओं के कंधों पर जेपी ने बिहार के भविष्य की जिम्मेदारी छोड़ी थी. जिस सुचिता की राजनीति जेपी ने अपने शिष्यों को सिखाया था, आज वो बीते दिनों की बात हो गई और नेता अपने अमर्यादित आचरण के लिए जाने जा रहे हैं. साल 2021 में नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप गाली गलौज (Controversial Statements of Bihar Politicians) तक पहुंच गए और लोकतंत्र को शर्मिंदगी झेलना पड़ी है.
ये भी पढ़ें-नीतीश कुमार ने फिर दिलायी 'लालू राज' की याद, कहा- भूल गए.. शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे
बिहार के नेता राजनीति की मर्यादा कब लांघ देंगे, यह किसी को पता नहीं है. एक दूसरे के ऊपर पॉलिटिकल बयानबाजी और कटाक्ष के अलावा नेताओं की ओर से व्यक्तिगत टिप्पणी की जाती रही है, लेकिन अब उनकी पहचान और अमर्यादित बयान बन चुके हैं. तकरीबन सभी पार्टियों में राजनीति की मर्यादा भूलने वाले नेताओं की कमी नहीं हैं. बिहार के राजनेताओं के विवादित बयान चाहे वो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप हो, उनकी पार्टी के विधायक भाई वीरेंद्र हो, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर हो या फिर जेडीयू के गोपाल मंडल साल 2021 में सुर्खियों में रहे हैं.
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पशुपालन घोटाला मामले में जेल से बाहर आए और इस बार उपचुनाव में दो-दो हाथ के लिए मैदान-ए-जंग में कूद पड़े. चुनाव प्रचार से पहले ही लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी के लिए भकचोंधर शब्द कह दिए, जिससे बिहार की राजनीति में बवाल खड़ा हो गया.
ये भी पढ़ें-लालू की रिहाई, तेजप्रताप-जगदानंद की लड़ाई और तेजस्वी की शादी से RJD के लिए यादगार रहा साल 2021
लालू प्रसाद यादव का विवादित बयान (Controversial statement of Lalu Yadav) तब आया जब कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उनसे सवाल किया था जिस पर उन्होंने कहा कि ''गठबंधन क्या होता है? यह हारने के लिए नहीं होता. कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाती है. उसे हारने के लिए सीट नहीं दे देते. लालू से जब पूछा गया कि भक्तचरण ने आरजेडी पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया है तो उन्होंने कहा कि भक्तचरण दास भकचोंधर हैं, उन्हें कुछ नहीं आता. उनके इसी बयान पर कांग्रेस की भौंहे तन गई और राजनीति के पुराने सहयोगी दलों के रिश्तों में दरार आ गई.
बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह. लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव की बयानबाजी भी इस साल सुर्खियां बनी. तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की तुलना हिटलर से कर दी और कहा कि पार्टी किसी के बाप की नहीं है.
वहीं, तेज प्रताप ने अपने मामा साधु यादव को भी देख लेने की धमकी दे डाली थी. तेजस्वी यादव की शादी पर बयान को लेकर साधु यादव पर भड़के तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Reply to Sadhu Yadav) ने तल्ख लहजे में कहा कि रुकिए मुझे बिहार आने दीजिए आपका गर्दा उड़ा दूंगा. तेजप्रताप ने भोजपुरी अंदाज में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि ''रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार..! बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे..!''