पटना: गंगा में दोबारा जलस्तर (Ganga Water Label Increase) के बढ़ने से नदी किनारे रहने वाले जीव जंतु गंगा की धारा में बह रहे हैं. कलेक्ट्रेट घाट के किनारे नदी में बह रहे रसेल वाइपर सांप (Russell's Viper) को कुछ लड़कों ने रेस्क्यू किया. उन बच्चों को पता भी नहीं था कि ये सांप कितना घातक है. लड़कों ने सांप को बचा लिया लेकिन अपनी जान जोखिम में डाल दी थी.
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इतने रिस्क लेकर बच्चों ने सांप को बांस के सहारे घाट के किनारे बचाकर रखा. पानी से बाहर आते ही सांप खुद को सुरक्षित समझ रहा था. मौके पर ही ईटीवी भारत की टीम भी मौजूद थी. तुरंत स्नेक कैचर को फोन करके कलेक्ट्रट घाट पर बुलाया. सांप को सुरक्षित पटना के चिड़ियाघर तक पहुंचाया. ईटीवी भारत की टीम ने जब बच्चे से पूछा कि क्या उसे सांप को बचाने में डर नहीं लगा तो उसने निर्भीकता से जवाब दिया और कहा कि-'नहीं'.
बच्चे काफी देर घाट पर ही सांप के साथ हुड़दंग करते रहे. सांप पकड़ने के ऐवज में लोगों से पैसे की डिमांड करते रहे. जब वहां पुलिस पहुंची तो बच्चों ने दोबारा सांप को पानी में फेंक दिया. जिसे दोबारा रेस्क्यू कर स्नेक कैचर असीम राज ने बाहर निकाला और उसे डब्बे में भरकर पटना के चिड़ियाघर पहुंचाया. इस तरह इस घातक सांप को नई ज़िंदगी के साथ नयी जगह भी मिल गई.
रसेल वाइपर सांप कितना जहरीला है? इस बारे में जब स्नेक कैचर असीम राज से पूछा गया तो उन्होंने इसके घातक जहर के बारे में बताया. असीम राज ने कहा कि अगर ये सांप काट ले तो खून एक दम पतला हो जाता है. फिर आंखों से और बालों से भी ब्लड पानी बनकर निकलने लगता है. अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो इसके काटने से मौत भी हो सकती है.
यह सांप अजगर की तरह दिखता है, जिसकी स्किन पर गोल गोल धब्बे बने होते हैं. यह वाकई दिखने में काफी खतरनाक होता है और ये सांप ज्यादा बड़ा नहीं होता है. वैसे अन्य जहरीले सांप जितनी बार भी किसी को काटते हैं तो हर बार जहर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन इस सांप की खास बात ये है कि जब भी ये सांप काटता है तो काफी जहर छोड़ता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सांप एक बार काटने पर 120-250 मिलीग्राम जहर छोड़ता है. इस काटने के बाद किडनी फेल होने की संभावना बढ़ जाती है. मौत तक हो सकती है.