पटना:झारखंड के बाद अब बिहार के सीमांचल के करीब पांच सौ स्कूल में भी रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी (why Juma holiday in bihar schools) देने का मामला सामने आया है. मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिले के सरकारी स्कूलों में इस परंपरा का पालन किया जा रहा है. इस बारे में शिक्षकों का कहना है कि स्थानीय लोगों और मुस्लिम नेताओं के दबाव में यह फैसला लिया गया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बिहार में अब धर्म देखकर तय होंगे नियम?
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किशनगंज के 37 स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी: मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज जिले के सरकारी स्कूलों में अलग अलग कानून चल रहा है. मुस्लिम आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है जबकि रविवार को बंद रहता है. जिला में कुल 37 स्कूलो में (37 schools in kishanganj have holidays on friday) बिहार के सरकारी नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि किशनगंज जिले में 68 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में जिन सरकारी स्कूलों में 60 फीसदी बच्चे मुस्लिम हैं, वहां साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को होती.
''हमारे यहां कुल 37 ऐसे स्कूल हैं जो शुक्रवार को बंद रहते हैं. यह परंपरागत तरीके से चल रहा है. बहुत लंबे समय से चल रहा है. किशनगंज कभी पूर्णिया जिला का अंग हुआ करता था. पूर्णिया डीईओ से संपर्क करने का प्रयास किया कि उस समय कोई पत्राचार हुआ हो तब बता पाएंगे. अभी कोई जानकारी नहीं है.''- सुभाष गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी , किशनगंज
किशनगंज में लाइन उर्दू मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. वसीम का तर्क है कि ''यह पहले से हो रहा है. ऐसा अभी नहीं हुआ है. यह सालों से चल रहा है. हमारा स्कूल शुक्रवार को बंद होता है. इससे लाभ मिला है कि हमारा ऑफिशियल पेंडिंग वर्क पूरा हो जाता है. रविवार को हम लोगों का कार्यालय बंद रहने से निजी काम नहीं हो पाता था. हमको कोई आपत्ति नहीं है. विभाग कहेगा शुक्रवार नहीं रविवार तो ठीक. विभाग जो आदेश दे. हम लोग विभाग के अधीन हैं.''
हालांकि इस पूरे मामले पर बीजेपी और बजरंग दल ने मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी जिलाध्यक्ष का कहना है कि ''मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण ऐसा हो रहा है. हिन्दू शिक्षक व शिक्षिका वहां जाते हैं तो स्थानीय प्रबंधन समिति के दबाव में काम करते हैं. सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को बंदी हो रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण विषय है. तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और बिहार सरकार का शैक्षणिक कलेंडर का पालन होना चाहिए.''
''हिजाब मामले में हाल ही के दिन में सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि शिक्षा का कोई धर्म नहीं होता. किस आधार पर किशनगंज में धर्म विशेष के लिए शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है. इसको बंद किया जाना चाहिए, नहीं तो हम लोगों का भी सावन का महीना चल रहा है सोमवार को छुट्टी दी जाए और मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए छुट्टी दी जाए.''- गणेश झा, पूर्व जिला संयोजक, बजरंग दल
हालांकि, इस पूरे मामले पर एआईएमआईएम ने बीजेपी और बजरंग दल पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष इशहाक आलम ने कहा कि ''बीजेपी गंदी राजनीति कर रही हैं. किशनगंज गंगा जमुनी की तहजीब है. हमारा देश अनेकता में एकता का देश है. देश में संस्कृति को माना जाता है, पढ़ाई होती है. जहां पढ़ने वाले बच्चे पढ़ते हैं. शुक्रवार को बंदी से पढ़ने वालों को दिक्कत नहीं है. पढ़ाने वालों को दिक्कत नहीं. सभी खुशी-खुशी रविवार को आ रहे हैं. लेकिन, बीजेपी की राजनीति पहले हिजाब, मंदिर, मस्जिद पर थी अब दिन पर हो रही है.''
अररिया के 167 सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी: अररिया जिले के जोकीहाट ब्लॉक में 244 सरकारी स्कूलों में से 167 में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होता है, जबकि 77 स्कूलों में रविवार की छुट्टी होती है. जोकीहाट ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) शिव नारायण सुमन इस बात की पुष्टि करते है. उनके मुताबिक, ''यहां शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश की परंपरा शुरू से चली आ रही है.''
कटिहार में 100, पूर्णिया में 200 स्कूलों में जुमे की छुट्टी: कटिहार के 100 स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी (100 schools in katihar have holidays on friday) को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कामेश्वर प्रसाद ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा हैं कि स्कूल में मुस्लिम छात्रों की संख्या अधिक है, इसलिए छुट्टी के दिन बदल गए. वहीं पूर्णिया के करीब 200 स्कूलों में शुक्रवार को सरकारी छुट्टी की बात सामने आई है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. पूर्णिया के प्राथमिक विद्यालय सिमलबाड़ी टोला ज्ञानडोभ के प्रभारी प्रधानाध्यापक अब्दुल कयूम ने बताया कि ''स्कूल में शुक्रवार को अवकाश रहता है, जबाकि रविवार को खुला रहता है. ऐसा पूर्व से हो रहा है.''
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बिहार के स्कूलों में जुमे की छुट्टी पर सियासत: बिहार के सरकारी स्कूलों में अब शुक्रवार को होने वाली छुट्टी काफी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होती है, जिसे लेकर उठ रहे सवाल पर जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर (JDU MLC Khalid Anwar) ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि शुक्रवार के दिन छुट्टी दी जाए तो इसमें हर्ज ही क्या है.
"बिहार के सरकारी उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी देने की परंपरा कोई नई नहीं है. इसमें गलत भी क्या है? जिन इलाकों में शुक्रवार की छुट्टी दी जा रही है, अगर वहां रहने वाले लोग ये तय कर रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है. अगर इलाके के लोग गैर सरकारी उर्दू स्कूलों में भी शुक्रवार की छुट्टी चाहते हैं तो ये बिल्कुल भी गलत नहीं है"- खालिद अनवर, विधान पार्षद, जेडीयू
वहीं, एमएलसी खालिद अनवर के बयान पर बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने तंज कसते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी एमएलसी ने कहा कि अगर सरकार ही ये चाह रही है तो वे इस पर क्या बोलें. उन्होंने कहा कि गलत और ठीक देखना सरकार का काम है. फिलहाल, छुट्टी में हो रहे घालमेल का जब खुलासा हुआ तो राज्य सरकार की नींद टूटी. शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, ''सालों से शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है, शिक्षा पर मजहब का जोर ठीक नहीं है. जरूरत है जल्द से जल्द इसे ठीक करने की.''
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DEO से शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट:मामले में शिक्षा विभाग का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में स्थित स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी पिछले पांच दशक से अधिक समय से हो रही है. उस वक्त स्कूलों का संचालन समिति द्वारा किया जाता था. स्कूलों का सरकारीकरण होने के बाद भी यह परंपरा जारी है. इधर जब पूरे मामले में पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया तो बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Bihar Education Minister Vijay Choudhary) ने कहा कि हाल में ही कुछ जगह से इस तरह की सूचना आई है. जहां जहां से सूचना आई है हमने वहां डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) से प्रतिवेदन मांगा है. स्कूलों में क्या स्थिति है? कब छुट्टी रहती है और किसके आदेश से छुट्टी शुक्रवार (जुमे के दिन) को दी गई है?
"प्रतिवेदन आने के बाद उस हिसाब से लेकिन जो नियम संगत होगा, वैधानिक होगा वही किया जाएगा. हम मुख्यालय में चर्चा करेंगे कि किस स्थिति में क्या हो रहा है. अगर शुक्रवार को स्कूल बंद है तो रविवार को स्कूल चलता है कि नहीं या कोई गफलत का फायदा उठाकर दोनों दिन स्कूल बंद कर दे रहा है. किस दिन क्या हो रहा है सब रिपोर्ट आने के बाद नियम कायदे के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार
175 साल पहले शुरू हुई थी संडे की छुट्टी: अब सवाल ये है कि रविवार की छुट्टी का इतिहास (Sunday Holiday History) क्या है और ये कब शुरू हुई होगी. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था ISO के अनुसार रविवार का दिन सप्ताह का आखिरी दिन माना जाएगा और इसी दिन कॉमन छुट्टी रहती है. इस बात को 1986 में मान्यता दी गई थी लेकिन इसके पीछे ब्रिटिशर्स को कारण माना जाता है. असल में 1843 में अंग्रेजों के गवर्नर जनरल ने सबसे पहले इस आदेश को पारित किया था.
रविवार को ही छुट्टी क्यों? :बात करें भारत की तो, अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में बड़ा मजदूर वर्ग सातों दिन काम करते थे. इस मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही थी. इन्हें खाना खाने के लिए भी समय नहीं दिया जाता था. तब 1857 ई में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों के हक में आवाज उठाई थी. जिसके बाद 10 जून 1890 को अंग्रेजी हुकूमत ने रविवार के दिन छुट्टी घोषित की. हालांकि, ज्यादातर मुस्लिम देशों में शुक्रवार को इबादत का दिन माना जाता है. इस कारण से वहां रविवार की जगह शुक्रवार को ही छुट्टी होती है.