पटनाः टुन्ना पांडेय को लेकर बीजेपी और जेडीयू की टकरार अब समाप्त हो गई है. बीजेपी ने सीएम नीतीश के खिलाफ की गई टुन्ना की बयानबाजी को अनुशासनहीनता माना और कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया. एक बार तो ऐसा लगा कि बिहार में NDA के बीच तकरार बढ़ी तो सरकार गिर जाएगी. विपक्ष भी इस मुद्दे को तूल देकर सरकार गिरने की हवा बनाने में लगा था. लेकिन बीजेपी ने कार्रवाई करके विपक्ष और सहयोगी दल जेडीयू का भी मुंह बंद कर दिया. सवाल इस बात का है कि आखिर बड़े भाई की भूमिका निभाने वाली बीजेपी छोटे भाई (JDU) के सामने झुक क्यों गई?
टुन्ना ने जिस तरह सीएम नीतीश के खिलाफ एक बयान उछाला. जवाब में जेडीयू नेता संजय सिंह ने इसे बीजेपी के इशारे पर दिया गया बयान करार दिया. उन्होंने ये भी कहा कि सीएम पर उंगली उठाने वाले की उंगली काट ली जाएगी. तो क्या बीजेपी जनता दल यूनाइटेड के इस बयान से डर गई? अगर नहीं, तो दोनों सत्ताधारी दलों का शीर्ष नेतृत्व चुप क्यों है? इन सबके बीच बिहार का विपक्ष सत्ता में बैठी दोनों पार्टियों के झगड़े का आनंद लेते हुए पूछ रहीं है कि सबकुछ ठीक है, तो शीर्ष के नेता क्यों मुंह सिले हुए हैं?
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JDU मान रही बड़ी जीत
जदयू के तीखे तेवर के आगे बीजेपी को झुकना पड़ा. नीतीश कुमार की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने टुन्ना पांडे पर करवाई कर दी गई. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया है. जदयू के नेता इसे अपनी एक तरह से जीत बता रहे हैं.