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हाईटेक हुआ जल संसाधन विभाग, मंत्री संजय झा ने किया ई-ऑफिस प्रणाली का उदघाटन

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Published : Feb 23, 2022, 6:58 PM IST

जल संसाधन मंत्री संजय झा (Water Resources Minister Sanjay Jha) ने कहा कि जब बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार बनी थी, तब सीएम ऑफिस में रेमिंगटन टाइपराइटर से काम हुआ करता था. वहां से सफर शुरू कर, ई-गवर्नेंस की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आज हमलोग ई-ऑफिस तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ई-गवर्नेंस के लिए कई कदम उठाएं गए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है.

हाईटेक हुआ जल संसाधन विभाग
हाईटेक हुआ जल संसाधन विभाग

पटना:बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) अब हाईटेक हो गया है. विभाग में बुधवार से ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर दी गई है. बुधवार को जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ई-ऑफिस प्रणाली का उदघाटन किया (Sanjay Jha Inaugurates e-office System) है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के उपयोग से विभाग के कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और जरूरी संचिकाओं का अपेक्षाकृत कम समय में निष्पादन हो सकेगा. मंत्री ने कहा कि जब नीतीश कुमार की सरकार बनी थी, तब सीएम के ऑफिस में रेमिंगटन टाइपराइटर से काम हुआ करता था. वहां से सफर शुरू कर, ई-गवर्नेंस की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आज हमलोग ई-ऑफिस तक पहुंचे हैं.

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जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन से हर तरह की गतिविधियां प्रभावित हुईं, जल संसाधन विभाग ने कार्यों के सुचारु निष्पादन के लिए डिजिटल तकनीक को तेजी से अपनाना शुरू किया. चाहे दफ्तरों में कम उपस्थिति के बावजूद घर से कार्यों का निष्पादन करना हो, वेबसाइट, ईमेल एवं व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिये जरूरी सूचनाओं को संबंधित अभियंताओं/अधिकारियों तक तुरंत पहुंचाना हो या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जरूरी मीटिंग कर कार्यों की समीक्षा करना, जल संसाधन विभाग ने डिजिटल तकनीक का सहारा लेकर वर्ष 2021 में बाढ़ से सुरक्षा की सभी योजनाओं को समय से पूरा कराया. खासकर व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिये फ्लड सीजन में तटबंधों की मॉनीटरिंग रीयल टाइम में चौबीसो घंटे की गई, पूरी पारदर्शिता के साथ की गई. मैं खुद भी उसे देख रहा था. उन्होंने कहा कि विभाग के वरीय अधिकारी न केवल ग्रुप में आने वाली तस्वीरों पर कमेंट कर रहे थे, बल्कि किसी भी तरह की समस्या आने पर उसका त्वरित समाधान भी व्हाट्सएप ग्रुप में ही बता रहे थे.

संजय कुमार झा ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली अपनाने से जहां जल संसाधन विभाग की कार्यक्षमता और बढ़ेगी, वहीं अधिकारी कहीं से भी कार्यों की प्रगति की ऑनलाइन मॉनीटरिंग कर पाएंगे. इसके अगले चरण में पुरानी फाइलों को भी डिजिटल स्वरूप में संरक्षित किया जाएगा. इससे जहां दफ्तर को कागजों और पुरानी फाइलों के कचरे से मुक्ति मिलेगी, वहीं पिछले वर्षों के आंकड़ों की तलाश करना और आसान हो जाएगा. इसके जरिये हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ा डिजिटल एसेज छोड़ कर जाएंगे. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं, बराज, डैम एवं अन्य संरचनाओं से संबंधित फाइलों को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा रहा है.

मंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा की योजनाओं में भी विभाग निरंतर अभिनव प्रयोग कर रहा है और शीट पाइलिंग सहित कई नई टेक्नोलॉजी को अपना रहा है. नई टेक्नोलॉजी को अपनाने में विभाग को अपने इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निरंतर कुशल मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने का मुख्य उद्देश्य विभागीय कार्यों में गुणात्मक सुधार लाना है. ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़े कर्मचारी कार्यालय से बाहर रहने के दौरान भी जरूरी कार्यों का ऑनलाइन निष्पादन कर पाएंगे. ई-ऑफिस प्रणाली में कर्मचारियों के अवकाश का भी डिजिटल प्रबंधन किया गया है. उन्‍होंने बताया कि सिंचाई भवन स्थित कार्यालयों में संधारित पुरानी संचिकाओं को भी डिजिटाईज करने की कार्रवाई की जा रही है.

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