पटना:बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. बोचहां उपचुनाव (Bochaha By Election Results) जीतकर बीजेपी संख्या बल में इजाफा करना चाहती थी, लेकिन बोचहां में बीजेपी की बुरी तरह से हार हुई है. बोचहां उपचुनाव में राजद उम्मीदवार अमर पासवान ने अपने निकटतम प्रत्याशी बीजेपी उम्मीदवार बेबी देवी को 36652 मतों से हराया. राजद को कुल 83562 मत मिले. वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 45909 मत मिले हैं. वीआईपी पार्टी के खाते में 29279 मत पड़े हैं.
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मुकेश सहनी ने मनाया हार का जश्न: बीजेपी और वीआईपी के वोटों को अगर जोड़ दे तो कुल वोटों की संख्या 75188 हो जाती है और वैसी स्थिति में भी आरजेडी को बढ़त हासिल हो जाती है. अगर बीजेपी और वीआईपी साथ में चुनाव लड़ती तब भी आरजेडी प्रत्याशी 7374 मतों से जीत जाते है. मुकेश सहनी की पार्टी उपचुनाव में तीसरे स्थान पर रहे हैं, लेकिन वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) ने जश्न ऐसा मनाया जैसे कि वह चुनाव जीत चुके हैं. मुकेश सहनी को कुल 18% वोट मिले हैं. मुकेश सहनी ने अपने सरकारी आवास पर चुनाव के नतीजों के बाद जश्न मनाया और कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को जहां गुलाल लगाया, वहीं मिठाइयां भी बांटी है.
NDA में सहनी की एंट्री मुश्किल:वीआईपी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस हार में भी हमारी जीत है. हम 18 प्रतिशत वोट लाए हैं. बीजेपी के जो नेता दंभ भर रहे थे, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को इस्तीफा देना चाहिए. दूसरे राज्यों में भी बीजेपी की हार पर मुकेश सहनी ने चुटकी ली है.
'BJP करेगी हार पर मंथन': मुकेश सहनी के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि किसी के वजह से हार नहीं हुई है. हम पहली बार वहां चुनाव लड़े और वहां की जनता ने हमें पसंद नहीं किया, लेकिन आगे हम प्रयास करेंगे. वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद देवेश कुमार ने कहा कि अगर बीजेपी और वीआईपी के वोटों को ही मिला दें तो भी आंकड़ा कम है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि हम मुकेश सहनी के वजह से हारे हैं. हां पूरे मामले पर पार्टी मंथन जरूर करेगी.
'गठबंधन की राजनीति पर बीजेपी करे चिंतन': वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि बीजेपी को गठबंधन की राजनीति पर मंथन करने की जरूरत है. उपचुनाव में जिस तरीके का अंतर देखने को मिला है. वह बीजेपी के लिए चिंताजनक है. उम्मीद है बीजेपी नए सिरे से गठबंधन की राजनीति पर चिंतन करेगी.
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