पटनाः राजधानी पटना में घूसखोर इंजीनियर के आवास पर निगरानी (Vigilance Bureau) ने छापा मारा है. आय से अधिक मामले में पटना के पुनाइचक मोहल्ले में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता (Executive Engineer) के आवास की तलाशी ली गई. 11 घंटे तक छापेमारी चली.
तलाशी में शाम तक 1.43 करोड़ कैश, जेवर, जमीन के 8-10 कागजात समेत अन्य सामानों की बरामदगी हुई है. कागजातों में 30 के करीब बैंक पासबुक, बीमा-जमीन के 10 पॉलिसी समेत कई अन्य दस्तावेज मिले हैं. छापेमारी के खत्म होने तक कुल 2.83 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति का पता चला है.
पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रवींद्र कुमार (Ravindra Kumar) के घर पर निगरानी टीम की जांच 11 घंटे तक चली. पहले घंटे की तलाशी में ही 60 लाख रुपये कैश और अन्य सामान मिले हैं. कैश मिलान के लिए बैंक से नोट गिनने की मशीन मंगवाई गई थी.
छापेमारी में 20 लाख रुपए की FD मिली. 67 लाख रुपए के कीमत की सोने-चांदी की ज्वेलरी बरामद हुई. अलग-अलग बैंकों के 15 अकाउंट के डिटेल्स मिले. इन अकाउंट्स में 53 लाख रुपए जमा हैं. इंजीनियर साहब ने अपनी पत्नी के नाम पर अलग-अलग जगहों पर कीमती प्रोपर्टी खरीदी है. इसके कागजात मिले हैं. पत्नी के नाम पर मिले प्रोपर्टी की कीमत 1 करोड़ 23 लाख 3948 रुपए हैं.
निगरानी के डीएसपी सर्वेश सिंह छापेमारी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने बताया कि छापेमारी हुई है, नगद व अन्य चीजों की जानकारी एकत्रित की जा रही है. बता दें कि पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता जो हाजीपुर में पदस्थापित रहा है. हाल ही में उसका स्थानांतरण पुल निर्माण निगम में हुआ है.
बताया जाता है कि इंजीनियर रवींद्र कुमार पर निगरानी टीम की काफी दिनों से नजर थी. निगरानी ने सबूतों को इकट्ठा किया और फिर जब टीम ने छापेमारी की तो इनके पास आय से अधिक संपत्ति निकली.
"कार्यपालक अभियंता पर आय से अधिक मामले में निगरानी में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद आज उनके आवास पर छापेमारी चल रही है. अभी तक 60 लाख से अधिक की राशि सहित अन्य कागजात जब्त किए जा चुके हैं. नोटों की गिनती की जा रही है. मामले की जांच भी जारी है."-अधिकारी, निगरानी विभाग
इंजीनियर रविन्द्र कुमार के बारे में बताया जाता है कि वे बीजेपी कोटे से मंत्री रहे और वर्तमान में विधायक का रिश्तेदार है. जानकारी के अनुसार वो पूर्व मंत्री के दूर के दामाद हैं. बता दें कि पूर्व मंत्री का एक और खासमखास कार्यपालक अभियंता के ठिकानों पर दो साल पहले भी छापेमारी हुई थी, जिसमें करोड़ों रूपये जब्त किए गए थे.
सूत्र बताते हैं कि पुल निर्माण विभाग के इंजीनियर की विभाग में काफी चलती थी. हमेशा महत्वपूर्ण जगह पर पोस्टिंग मिलती थी. और इसी का फायदा उठाकर वह मोटी रकम के रूप में रिश्वत वसूलता था.
बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर नकेल कसने और सरकारी कर्मचारी जो कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखे हैं. उन पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की जाती है. बिहार में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले पर नकेल कसने और आम लोगों से इसकी सूचना सुगम तरीके से निगरानी ब्यूरो तक पहुंचाने के लिए 24 घंटा काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 0612- 2215344 और मोबाइल नंबर-776595326 है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को किसी संबंधित सरकारी कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत मांगने कि शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित अधिकारी के बारे में जांच पड़ताल करने के बाद ट्रैप के माध्यम से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जाता है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मानें तो कोरोना काल के मद्देनजर साल 2021 में अब तक 13 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 मामले दर्ज हैं. पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के 2 केस दर्ज हैं. ट्रैप कांड में गिरफ्तारी 11 हैं. समर्पित आरोप पत्र 14 हैं. वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप कांड की राशि 3 लाख 98 हजार 300 अब तक जब्त की गई है.