बिहार

bihar

ETV Bharat / city

उपचुनाव का महासंग्राम: एकजुट NDA के आगे बिखरा-बिखरा महागठबंधन, दांव पर दिग्गजों की साख

बिहार में दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महासंग्राम जैसी स्थिति बन गई है. एक ओर जहां एनडीए एकजुटता दिखा रहा है, वहीं महागठबंधन बिखरा हुआ दिख रहा है. इसके बावजूद उपचुनाव की ये लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है. पढ़ें रिपोर्ट..

By

Published : Oct 26, 2021, 5:09 PM IST

पटना
पटना

पटना:बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव (By-Election) में सभी दलों ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया है. 2020 विधानसभा चुनाव के लगभग 1 साल के अंदर हो रहे उपचुनाव में महासंग्राम जैसी स्थिति बन गई है. एक तरफ एनडीए (NDA) समर्थित जदयू (JDU) उम्मीदवार के पक्ष में जदयू के सभी नेता प्रचार में कूदे हुए हैं, तो वहीं बीजेपी, हम, वीआई और पशुपति पारस गुट के भी दिग्गज दिख रहे हैं.

ये भी पढ़ें-तारापुर में लालू परिवार पर गरजे नीतीश, लोगों से कहा- पुरानी बातों को भूलिएगा नहीं

आरजेडी के भी सभी दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में आ चुके हैं, तो कांग्रेस ने भी स्टार प्रचारकों को उतार दिया है. उपचुनाव को लेकर पहले इस तरह का नजारा बिहार में देखने को नहीं मिला है. राजनीतिक विश्लेषकों का भी कहना है कि किसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष इस तरह से उपचुनाव में कैंप करें ये अब तक देखने को नहीं मिला है. दोनों सीटें नीतीश कुमार के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जनता मालिक है. जनता किसे पसंद करती है, यह देखने वाली बात होगी.

बिहार विधानसभा की 2 सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान में एनडीए उम्मीदवार का मुकाबला आरजेडी और कांग्रेस के उम्मीदवार से हो रहा है. ऐसे तोविश्लेषक कह रहे हैं कि मुकाबला जेडीयू और आरजेडी उम्मीदवार के बीच में ही है. बीजेपी और एनडीए के घटक दल जरूर जदयू के साथ खड़े हैं, लेकिन इस चुनाव में हार जीत का सबसे ज्यादा असर जदयू पर ही पड़ने वाला है. इसलिए जदयू के सभी दिग्गज नेताओं ने प्रचार में मोर्चा संभाल रखा है.

ये भी पढ़ें-CM के परिवार वाले बयान पर RJD का जवाब, बैनर पर लिखा- 'बिहार मतलब लालू और लालू मतलब बिहार'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक चुनाव प्रचार में हैं. सारे मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों को भी विशेष टास्क दिया गया है. जदयू के दिग्गजों की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, विजय चौधरी, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, जमा खान, सुमित सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, श्रवण कुमार दोनों विधानसभा लगातार प्रचार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

इसके साथ सभी सांसद, सभी विधायक और विधान पार्षद भी चुनाव मैदान में हैं. आरजेडी की बात करें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पार्टी के सभी विधायक, सभी विधान पार्षद को भी विशेष टास्क दिया गया है. कांग्रेस की बात करें तो कन्हैया कुमार, जिग्नेश, हार्दिक पटेल, मीरा कुमार, शत्रुघ्न सिन्हा, भक्त चरण दास, मदन मोहन झा, सभी विधायक, विधान पार्षद और पार्टी के बड़े नेता शामिल हैं. इसमें से कुछ प्रचार कर चुके हैं और कुछ प्रचार करने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-प्लानिंग के तहत हो रहा सब कुछ, RJD और कांग्रेस के बीच मैच फिक्स- निखिल मंडल

इसके साथ ही चिराग पासवान एक बार फिर से नीतीश कुमार को हराने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. वहीं, प्लुरल्स पार्टी के नेता भी अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार में लगे हैं. 2 सीटों के उपचुनाव में कई हेलीकॉप्टरों का भी प्रयोग हो रहा है.

''नीतीश कुमार के लिए दोनों सीट विशेष महत्व रखती हैं. विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्हें तीसरी पार्टी का दर्जा मिला है. ऐसे में दोनों सीटें हार जाते हैं तो उनके राजनीतिक पतन की शुरुआत हो जाएगी.''- प्रेम कुमार मणि, राजनीतिक विश्लेषक

''सभी दलों ने अपने अधिकांश दिग्गज नेताओं को उतार दिया है. जदयू के तो राष्ट्रीय अध्यक्ष ही कैंप कर रहे हैं और किसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कैम्प करें, वो भी उपचुनाव में, ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. वैसे लोकतंत्र में जनता मालिक है, अब जनता किसे पसंद करती है यह देखने वाली बात होगी.''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

बिहार में नीतीश सरकार के पास 125 विधायकों का पूर्ण बहुमत है, जिसमें बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, हम पार्टी के 4 और वीआईपी के 4 विधायक शामिल हैं. वहीं, महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं, लेकिन वो बिखर गया है. उपचुनाव में एनडीए मजबूती से एकजुटता दिखा रहा है.

जदयू उम्मीदवार के लिये बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से लेकर बीजेपी के कई मंत्री सम्राट चौधरी, जीवेश मिश्रा भी लगातार प्रचार कर रहे हैं. वहीं, वीआईपी के मुकेश सहनी, हम के जीतनराम मांझी और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं. महागठबंधन बिखरा हुआ है लेकिन, इसके बावजूद यह लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है. हर दल अपनी पूरी ताकत लगा रहा है, जैसे सरकार बनाने और बिगाड़ने की ही बात हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details