वैशाली:अगर आपको यह कहा जाए कि एक नवजात बच्चे को सड़क पर छोड़कर कोई भाग गया है, तो आप आसानी से यकीन कर लेंगे. लेकिन, अगर आपको यह कहा जाए कि सड़क पर मरने के लिए छोड़े गए बच्चे सात समंदर पार अमेरिका और इटली में शानदार जिंदगी जी रहे हैं, तो शायद यकीन करना मुश्किल हो जाएगा, ये बात बिल्कुल सच है. बीते 2021 ने कोविड-19 की वजह से कई तरह के तकलीफों से लोगों को रूबरू कराया, वहीं कुछ अच्छी यादें भी 2021 की है.
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2021 में वैशाली जिले के हाजीपुर से दो बच्चे सात समंदर पार गए थे. वो भी वैसे बच्चे जिन्हें अपनों ने सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था. ये बच्चे ना सिर्फ सात समुंदर पार गए हैं. बल्कि, एक आलीशान जिंदगी भी जी रहे हैं. बात हो रही है हाजीपुर के एसडीओ रोड में चलने वाले विशिष्टदत्तक ग्रहण संस्थान (Vaishali Specialized Adoption Institute) की. जहां सरकारी तौर पर उन बच्चों की देखभाल की जाती है, जिन्हें या तो सड़क पर फेंक दिया गया है या जिनके अभिभावक ने उन का परित्याग कर दिया है.
ऐसे कई बच्चे यहां की संस्था में एक साथ बेहद खुशहाली से जिंदगी जी रहे हैं. इन्हीं बच्चों में एक बच्चा 11 अक्टूबर 2021 को इटली की एक दंपति ने बच्चा गोद लेने का आवेदन दिया था. सभी मापदंडों पर सही पाए जाने के बाद इटली के एक बेहद संपन्न व्यवसायी परिवार को बच्चा सौंप दिया गया. बच्चे के पैर में बेहद गंभीर बीमारी थी. बताया जा रहा है कि इटली जाने के बाद बच्चे की वह बीमारी भी अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है. बच्चा बेहद खुश है.