पटना: देश में बेरोजगारी के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. साल 2019 में सितंबर से दिसंबर के चार महीनों में बेरोजगारी की दर 7.5 फीसदी तक जा पहुंची है. इसके अलावा उच्च शिक्षित तबके में बेरोजगारी दर बढ़कर 60 फीसदी तक पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है. बिहार की बात करें तो दिसंबर 2019 तक बिहार में बेरोजगारी की दर 10.7% तक है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट ने अनुमान जताया है कि इस साल बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़कर लगभग 2.5 अरब तक पहुंच जाएगा.
बिहार के हालात बदतर
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 2016 से 2019 के बीच 20 से 44 साल की उम्र सीमा के बीच बेरोजगारी में आशातीत बढ़ोतरी हुई है. 2016 में औसतन ये आंकड़ा 7.58 फीसद था. जबकि 2017 में 6.03, 2018 में 11.25 और साल 2019 में यह आंकड़ा 13.80 फीसदी पर पहुंच गया.
पिछले ढाई साल में शिखर पर बेरोजगारी दर
एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि पिछले ढाई साल में बेरोजगारी दर अपने शिखर पर पहुंच गई है. भारत में बेरोजगारी दर फरवरी महीने में बढ़कर ढाई साल में सबसे ऊंचे स्तर पर है. सीएमआई के आंकड़ें बताते हैं कि फरवरी 2019 में बेरोजगारी दर 7.12 फीसदी पहुंच गई. यह सितंबर 2016 के बाद की सबसे ज्यादा है. पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 5.19 फीसदी था.