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बिहार में उपचुनाव के बाद भी कांग्रेस और RJD में तल्खी बरकरार, विपक्षी एकता का बंटाधार - ईटीवी न्यूज टुडे

बिहार विधानसभा की 2 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस और राजद के बीच शुरू तल्खी खत्म होती नजर नहीं आती. दोनों अलग-अलग रास्ते बता रहे हैं. कांग्रेस करारी हार के बावजूद राजद से समझौते को तैयार नहीं दिख रही. ऐसे में बिहार में विपक्षी एकजुटता सवालों के घेरे में है.

Congress and RJD
Congress and RJD

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Published : Nov 5, 2021, 5:47 PM IST

पटना: कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट (Bihar Assembly by-elections) को लेकर कांग्रेस (Congress) और राजद (RJD) के बीच जो तल्खी करीब 1 महीने पहले शुरू हुई थी, वह अब भी बरकरार है. बिहार में महागठबंधन बनाकर कांग्रेस, राजद और वामदलों ने जिस मजबूत विपक्ष का दावा पेश किया था, वह अब धराशाई दिख रहा है. हालांकि, राजद का दावा है कि वह विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है. अकेले जनता के मुद्दों को लेकर बिहार में चलने में समर्थ है.

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इधर, कांग्रेस भी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) को लेकर कोई समझौता करने के मूड में नहीं दिखती. इससे आने वाले वक्त में बिहार में विपक्षी एकता और विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की विपक्ष की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

राजद एमएलसी रामबली चंद्रवंशी (RJD MLC Rambali Chandravanshi) ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में जो नतीजे आए हैं, वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल है. हम चुनाव भले ही हार गए लेकिन हमने मजबूती से दोनों जगहों पर अपनी दावेदारी पेश की. जबकि कांग्रेस जमानत भी नहीं बचा पायी. ऐसे में कांग्रेस को यह समझना होगा कि बिहार में विपक्ष की अगुवाई राष्ट्रीय जनता दल ही कर सकता है. राजद नेता ने दावा किया कि आने वाले वक्त में और आने वाले विधानसभा सत्र में भी कांग्रेस-राजद और तमाम वामदल एक साथ दिखेंगे.

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हालांकि कांग्रेस नेता राजद से कोई समझौता करने के मूड में नजर नहीं दिख रहे. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्र (Congress MLC Premchandra Mishra) ने कहा कि महज एक सीट के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि हमें इस बात से इनकार नहीं है कि बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है लेकिन उन्हें अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने का हुनर भी सीखना होगा.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानमंडल के दोनों सदनों में हमेशा कांग्रेस ही सबसे मुखर रही है. जनता के मुद्दों को हमने दोनों सदनों में प्रमुखता से उठाया है जबकि ना तो विधान परिषद में राबड़ी देवी (Rabri Devi) और ना ही विधानसभा में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) नियमित तौर पर आते हैं. प्रेमचंद्र मिश्र ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले सत्र में कांग्रेस और राजद अलग अलग दिखेंगे.

इधर, भाजपा ने कांग्रेस और राजद पर कटाक्ष किया है. भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल (BJP leader Prem Ranjan Patel) ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद राजद की पिछलग्गू बनने का हश्र देख चुकी है. बिहार में अब कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि वह अपनी परंपरागत सीट पर भी जमानत तक नहीं बचा पा रही. भाजपा नेता ने कहा कि अब तो कांग्रेस को यह निर्णय लेना है कि वह आगे भी राजद की पिछलग्गू बनी रहेगी या नहीं. वहीं, विपक्ष की एकजुटता पर भाजपा नेता ने कहा कि चाहे कांग्रेस राजद एक साथ रहें या अलग-अलग, दोनों स्थितियों में वे हाल देख चुके हैं.

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