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IGIMS के नेत्र विभाग में नए उपकरण से मरीजों का इलाज, डॉक्टरों ने कहा- वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी देने में हुए सक्षम

आइजीआइएमएस के नेत्र विभाग में नए उपकरण से मरीजों का इलाज शुरू होगा है. नए उपकरण आ जाने से विभाग के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिंहा ने कहा कि अब हम यहां मरीजों को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी देने में सक्षम हो गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 19, 2021, 12:00 PM IST

Treatment of patients started with new equipment in Eye Department of IGIMS
Treatment of patients started with new equipment in Eye Department of IGIMS

पटना:बिहार के राजधानी पटना में आईजीआईएमएस (IGIMS) के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान (Regional Eye Institute) में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) कम होने के साथ ही आंखों के मरीजों (Eye Patients) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हालांकी, संस्थान में नए उपकरण लग जाने से आंख की जांच और ऑपरेशन में तेजी आई है.

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विभाग के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिंहा के अनुसार, संस्थान में नए उपकरण आ जाने से इलाज करने कम समय लग रहा है. संस्थान में मौजूद ओसीटीए मशीन से रेटीना या रेटिना के पीछे बीमारी की जांच 5 मिनट में की जाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों के आंख में होने वाली बीमारी केराटॉकोनस की जांच के लिए भी यहां नए मशीन आया है. यह बीमारी बच्चों में होती है और इसमें पुतली खराब होने की डर ज्यादा रहता है लेकिन अब हमारे पास इस बीमारी के इलाज करने के लिए सी थ्रिया नाम का उपकरण आ गया है.

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डॉ. विभूति ने बताया कि इस उपकरण से हम बच्चों के आंख में होने वाले एक केराटॉकोनस बीमारी का इलाज सरलता से कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज भी संस्थान में 15 ऐसे नए मरीज आये जिनका इलाज हमने संस्थान में मौजूद नए उपकरण से किया है. ज्यादातर हमारे संस्थान में गरीब मरीज ही आते हैं और हम चाहते हैं कि उन्हें कम पैसे में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो इसको लेकर हमारा प्रयास जारी है.

"हम गरीब मरीजों को विश्व स्तरीय चिकित्सा की सुविधा दे सके, इसको लेकर हम लगातार काम कर रहे हैं और यही कारण है कि यहां आंख के इलाज करवाने जो गरीब मरीज आते हैं. उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से भी सहायता दी जाती है. जो मरीज सहायता का फायदा उठाना चाहते हैं. उन्हें नेत्र के ऑपरेशन के लिए 20 हजार रुपये और रेटीना के सर्जरी के लिए 40 हजार एक सप्ताह के अंदर ही मिल जाता है. इसमें भी संस्थान के कर्मचारी उन्हें मदद कर रहे हैं."- डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा, नेत्र विभाग हेड, आइजीआइएमएस

डॉ. विभूति ने कहा कि हमारा उद्देश्य यही है कि कम पैसे में लोग अपने आंख की बीमारी का इलाज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में आकर कराए. साथ ही विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा यहां उपलब्ध हो इसको लेकर हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि नए उपकरण आ जाने से अब हम यहां मरीजों को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी देने में सक्षम हो गए हैं.

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