पटना: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के दूसरे चरण का प्रचार थम गया है. 29 सितंबर यानी बुधवार को पटना सहित बिहार के 34 जिलों के 48 प्रखंडों में मतदान (Second Phase Voting) होगा. दूसरे चरण में कुल 76,289 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम और बैलेट बॉक्स में कैद होगी. दूसरे चरण के 34 जिलों में से 9 जिले नक्सल प्रभावित माने जाते हैं. 9 नक्सल प्रभावित जिलों के कई बूथों पर नक्सलियों का खासा प्रभाव माना जाता है.
ये भी पढ़ें: बिहार पंचायत चुनाव: दूसरे चरण में 34 जिलों के 48 प्रखंडों में मतदान कल, सुरक्षा चाक चौबंद
इन बूथों पर शांतिपूर्ण, निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव करवाने में पुलिस को मुसीबतों का सामना भी करना पड़ सकता है. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अभी भी 10 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इनमें औरंगाबाद, गया, मुंगेर, जमुई, कैमूर, नवादा, लखीसराय, बांका, रोहतास और पश्चिम चंपारण शामिल हैं. पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में लखीसराय को छोड़कर नक्सल प्रभावित सभी 9 जिलों में मतदान होना है. वहीं लखीसराय में तीसरे चरण में मतदान है.
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) की मानें तो निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त पंचायत चुनाव करवाने को लेकर बिहार पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. राज्य पुलिस बल में बिहार पुलिस होमगार्ड, बिहार सशस्त्र पुलिस बल, एसटीएस के अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए केंद्रीय बल भी मौजूद है. केंद्रीय बल के जवान नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाते हैं. वे भी इसमें शामिल हैं.