पटना:राजधानी पटना खुले में शौच मुक्त (Patna Open Defecation Free) के सरकार के दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत गांव-गांव में घर-घर शौचालय देने के साथ ही पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत अगर देखनी हो तो पटना के ग्रामीण इलाके मसौढ़ी को देख लें. जहां पर आज भी सैकड़ों ऐसी बस्ती हैं जहां पर शौचालय नहीं (There is no Toilet in Rural Areas of Patna) हैं. लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
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लगातार शौचालय बनवाने की मांग को लेकर अब यहां के लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है. लोगों का गुस्सा चरम पर दिख रहा है और अब लोग उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. मसौढ़ी प्रखंड के लखनौर बेदौलीली पंचायत के चेथौल पोखर गांव में लगभग 400 से अधिक आबादी वाला गांव है. जहां पर एक भी घर में शौचालय नहीं है. जिसके चलते लोग मजबूरन खुले में शौच जाने को विवश हैं. रात के अंधेरे में तो किसी तरह से लोग चले जाते हैं लेकिन दिन के उजाले में बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
चेथौल पोखर के सुनीता कुमारी, देवमणि देवी, राजमती देवी, सुरेश मांझी, मनोहर मांझी आदि लोगों ने कहा कि लगातार प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं लेकिन अभी तक हमारे घरों में शौचालय नहीं बना है. लोग शौचालय बनवाने के नाम पर पैसा मांगते हैं. मसौढ़ी प्रखंड के प्रखंड समन्वयक अभय कुमार ने बताया कि सरकार ने वैसे महादलित बस्ती जिसके पास जमीन नहीं है. कम्युनिटी शौचालय बनाने का निर्देश मिला है. जगह-जगह चिन्हित कर शौचालय बनाए जाएंगे.