पटना:जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव(Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने (Tejashwi Yadav Attacked CM Nitish Kumar) पर लिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जातीय जनगणना पर चुप क्यों हैं. उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार नहीं कराएगी, तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर कास्ट सेंसस करवाएगी. अब क्या हुआ, क्या यह सब ढोंग था, फिर बैठक करा लीजिए, अब कब होगी बैठक? तेजस्वी ने कहा कि जब वे कुंआरे थे तब बात चली थी कि बैठक होगी, ऑल पार्टी मीटिंग होगी. मेरी शादी हो गयी, हनीमून भी हो गया. अब तक बैठक नहीं हुई. आखिर सीएम क्यों खामोश हैं?
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इससे पहलेराष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (RJD National Executive Meeting) की बैठक के दौरान तेजस्वी ने कहा था, 'हम तो कहे थे कि अपने खर्च पर जातीय जनगणना करवाना चाहिए. समाजवादी चोला पहनकर समाजवादी हो जाइयेगा. आप कहते हैं कि होना चाहिए. जब दो बार बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया तो क्या मतलब है सर्वदलीय बैठक बुलाने की. ऑल पार्टी ने ही तो इस प्रस्ताव को पास किया था, जिसमें कि बीजेपी भी शामिल थी.'
जातीय जनगणना पर आरजेडी शुरू से ही मुखर रहा है. खुद आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. पिछले दिनों एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा था, 'बीजेपी की जो सरकार है वो, जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है, लेकिन बीजेपी को जनगणना करानी ही पड़ेगी. सभी जातियों की जनसंख्या बढ़ी है. जनसंख्या के आधार पर नौकरी निश्चित है. जिनकी संख्या बढ़ी है उनकी नौकरी का कोटा बढ़ जाएगा. ओबीसी के लिए उनकी माली हालत देखकर बजट बनाना होगा. सभी पॉलिटिकल पार्टियों को, सभी संगठनों को एक मंच पर इकट्ठा होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है. हमारा इसमें पूरा सहयोग होगा.'