पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीसरी बार एनडीए से नाता तोड़ा है. नीतीश कुमार तीसरी बार लालू प्रसाद यादव के करीब गए हैं और दूसरी बार महागठबंधन का हिस्सा बने हैं. लेकिन महागठबंधन टू में नीतीश का मिजाज बदला-बदला है और वह पूरी तरह से समझौते के मूड में दिखाई दे रहे हैं. एक तरीके से नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ दी है. लंबे समय से शिक्षा विभाग जदयू कोटे में थी लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग भी राजद के लिए छोड़ दिया है. शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग राजद कोटे में है. बिहार सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा भी राष्ट्रीय जनता दल के कोटे में चला गया है.
ये भी पढ़ें-बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, तेजप्रताप समेत 31 मंत्रियों ने ली शपथ
बिहार सरकार में सबसे ज्यादा बजट के पैसे तेजस्वी के पास :आपको बता दें कि जब नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा हुआ करते थे तब बजट के एक बड़े हिस्से पर जदयू का कब्जा रहता था. भाजपा कोटे में बजट का 50% से भी कम हिस्सा हुआ करता था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास 5 विभाग हैं. सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल, सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन मुख्यमंत्री के पास है तो उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास चार विभाग है. स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग उप मुख्यमंत्री के पास है. तेजस्वी के पास तमाम वैसे विभाग हैं, जिनके ऊपर सरकार का दारोमदार रहता है.
तेजस्वी यादव के पास 4 विभाग हैं :तेजस्वी यादव के पास 4 विभाग हैं और बिहार सरकार के कुल बजट का 17.14% हिस्सा उनके पास है. तेजस्वी यादव के पास 40744 करोड़ (Tejashwi Has Highest Budget Money In Bihar Government) का बजट है. नीतीश कुमार के पास बजट का 6.74% हिस्सा है. नीतीश कुमार के पास 16028 करोड़ रुपए का बजट है. नीतीश कुमार के पास कुल 5 विभाग है. दलगत आधार पर अगर बात करें तो राजद कोटे में कुल 17 विभाग हैं और मंत्रियों के पास कुल मिलाकर 99,308 करोड़ रुपए का बजट है. राजद के पास कुल 41.78% बजट का हिस्सा है. आपको बता दें कि बिहार सरकार का कुल बजट 2 लाख 37 करोड़ से ज्यादा का है. खास बात यह है कि नीतीश कुमार को छोड़, यदि कोटे के मंत्रियों के पास बजट का जितना हिस्सा है, उससे अधिक बजट अकेले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास है.
तेजस्वी यादव के पास अकेले बिहार सरकार का 17% बजट का हिस्सा JDU कोटे के मंत्रियों के पास 37,409 करोड़ का बजट है :जदयू कोटे के मंत्रियों के पास कुल मिलाकर 37,409 करोड़ का बजट है जबकि तेजस्वी यादव के पास 40744 करोड़ रुपए का बजट है. जदयू कोटे के तमाम मंत्रियों पर अकेले तेजस्वी यादव बजट के मामले में भारी हैं. मुख्यमंत्री को अगर जोड़ दें तो जदयू नेताओं के पास बिहार सरकार के बजट का पुल 22 .48 प्रतिशत हिस्सा है. जदयू के पास कुल मिलाकर 53,434 करोड़ का बजट है. आपको बता दें कि राजद कोटे में शिक्षा 39191 करोड़, स्वास्थ्य 16134 करोड़, नगर विकास 8178 करोड़, ग्रामीण कार्य विभाग 10611 करोड़, कृषि विभाग 3584 करोड़, आपदा प्रबंधन विभाग 3696 करोड़, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग 2380 करोड़ है. जदयू कोटे की अगर बात कर ले तो जदयू के पास ग्रामीण विकास विभाग, 15456 करोड़, ऊर्जा विभाग 13663 करोड़, समाज कल्याण विभाग 8201 करोड़, जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग 4548 करोड़, वित्त एवं वाणिज्य विभाग 2606 करोड़ और भवन निर्माण विभाग 4961 करोड़ है. कुल मिलाकर जदयू के पास 53,433 करोड़ का बजट है.
'मंत्रिमंडल गठन और विभाग के बंटवारे के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी के समक्ष हथियार डाल दिया है. तमाम महत्वपूर्ण विभाग तेजस्वी यादव और राजद के पास है. नीतीश कुमार बेबस लाचार और असहाय दिख रहे हैं. तेजस्वी सुपर सीएम के रूप में उभर कर सामने आए हैं.'- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
'मंत्रिमंडल और विभाग का बंटवारा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मुख्यमंत्री को तय करना है कि विभाग किसे देना है और किस से काम करवाना है. सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं और जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. भाजपा के लोग अनावश्यक छाती पीट रहे हैं.'- डॉ सुनील कुमार सिंह, जदयू प्रवक्ता
'सरकार में कोई बड़ा भाई, छोटा भाई नहीं है. कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी के साथ हम लोग काम कर रहे हैं और हमारे सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं. शिक्षा स्वास्थ्य और कृषि में बेहतर काम कर, हम आम लोगों को राहत पहुंचाने का काम करेंगे.'- शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता
'नीतीश कुमार की सियासत बदली-बदली हुई है. वो इस बार समझौते के मूड में हैं और कई महत्वपूर्ण विभाग राजद को सौंप दिए हैं. संकेत साफ है कि सरकार में तेजस्वी यादव को भविष्य के नेता के रूप में स्थापित करना है.' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक