पटना:बिहार में सियासी यात्राओं का दौर एक बार फिर शुरू हो रहा है. 22 दिसंबर से सीएम नीतीश समाज सुधार अभियान (CM Nitish Samaj Sudhar Abhiyan) पर निकल रहे हैं. मुख्यमंत्री शराबबंदी का महत्व और शराबबंदी की वजह से हुए फायदे भी लोगों को बताएंगे. 15 जनवरी को जब मुख्यमंत्री की यात्रा समाप्त होगी, तो उसके बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा (Tejashwi Yadav Berojgari Yatra) पर निकलेंगे. उनके निशाने पर बिहार एनडीए होगी.
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बिहार की सियासत के 2 सबसे बड़े नेता महत्वपूर्ण अभियान और यात्रा को लेकर बिहार के लोगों से रूबरू होने निकलने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान पर निकलेंगे, वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' करने वाले हैं. लेकिन, इन दोनों महत्वपूर्ण यात्राओं को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. आम लोगों से लेकर विशेषज्ञ तक इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि इन दोनों यात्राओं में ज्यादा महत्वपूर्ण कौन सा है.
यह माना जा रहा है कि बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) लागू होने के बाद कई फायदे हुए हैं, लेकिन उसका एक बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा है. बिहार सरकार के राजस्व की बात हो या फिर कई महत्वपूर्ण व्यापार की बात हो. लेकिन, सरकार का दावा हमेशा यह रहा है कि ना सिर्फ घरेलू हिंसा और अपराध बल्कि छेड़छाड़ और सड़क दुर्घटनाओं में भी व्यापक स्तर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है. इस बारे में बीजेपी का कहना है कि एनडीए सरकार ने लगातार लोगों की बेहतरी के लिए काम किया है. वहीं, आरजेडी नेता नीतीश कुमार की समाज सुधार यात्रा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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''मुख्यमंत्री की यात्रा का मकसद बेहद महत्वपूर्ण है, हमें इसका ध्यान रखना चाहिए. जहां तक बात रोजगार की है तो उसके लिए हम अपने किए गए वादे पर काम कर रहे हैं. एक लाख शिक्षकों को बहुत जल्द नियुक्ति पत्र मिलने वाला है और इसके अलावा कौशल विकास के जरिए हम बेरोजगारों को रोजगार देने वाला बना रहे हैं. इसके लिए कई तरह की कोशिश लगातार जारी है. तेजस्वी यादव लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनके ऊपर खुद कई मामलों में सीबीआई और ईडी की कार्रवाई चल रही है.''-प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
''नीतीश कुमार यह मान चुके हैं कि शराबबंदी पूरी तरह फेल है. अपने फेल्योर को मानते हुए वो यात्रा पर निकल रहे हैं. लेकिन, इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला, क्योंकि शराब माफिया पर नियंत्रण सीएम नीतीश के बस की बात नहीं है. आप गांव में जाकर देखिए लोगों को एक शाम खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में सबसे पहले जरूरी रोजगार है. अगर पेट में अन्न रहेगा और लोगों के पास रोजगार होगा, तो कई समस्याएं वैसे भी दूर हो जाएंगी. सरकार असल मुद्दों को छोड़कर सिर्फ लोगों को भटकाने का प्रयास कर रही है और यही वजह है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को युवाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है.''-ऋतु जायसवाल, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी