पटना:लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) राबड़ी आवास पहुंचे. 10 सर्कुलर रोड पर तेज प्रताप यादव तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मुलाकात करने गए. पर उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा. इसके बाद गुस्से में तेज प्रताप बाहर आए और तेजस्वी यादव के पीए पर गंभीर आरोप लगाया.
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तेज प्रताप यादव ने कहा कि संजय यादव जो तेजस्वी यादव के पीए हैं उन्होंने मुलाकात नहीं होने दी. वह नहीं मिलने दे रहे हैं. यहां यह बताना भी जरूरी है कि तेज प्रताप यादव ने संजय यादव को 'प्रवासी सलाहकार' की संज्ञा दी थी. दो दिनों से चल रहे प्रकरण के बीच तेजस्वी से तेज प्रताप की पहली मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था. बता दें कि गुरुवार को ही संवाददाता सम्मेलन में तेज प्रताप यादव ने कहा था कि वह तेजस्वी से मुलाकात करेंगे. इधर खबर यह भी है कि तेज प्रताप यादव जनता दरबार लगाएंगे. जनता की समस्याओं को भी सुनेंगे.
बता दें कि तेज प्रताप यादव के 'हिटलर' वाले बयान से नाराज चल रहे आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President) को पार्टी ने मना लिया है. राबड़ी आवास पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मुलाकात के बाद 11 दिन बाद वे दफ्तर पहुंचे थे. जहां उन्होंने सबसे पहले फैसला आकाश को हटाने के लिए किया. आकाश को तेजप्रताप का करीबी माना जाता है. उसके बाद से तेज प्रताप भड़के हुए हैं और लगातार जगदानंद सिंह पर हमले कर रहे हैं.
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तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश अध्यक्ष पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने लालू प्रसाद से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. तेज प्रताप यादव ने कहा कि 'जगदानंद सिंह के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के नियमों के विरूद्ध जाने का काम किया है. मैं पिताजी लालू प्रसाद यादव जिनको मैं अपना भगवान मानता हूं, उन्हें भी ये बताना चाहता हूं कि इन पर कार्रवाई हो. अगर कार्रवाई नहीं होगी तो हम पार्टी की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, ये मेरा स्पष्ट कहना है.
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो मैं कोर्ट में भी जाऊंगा. उन्होंने कहा कि फैसले से युवा कार्यकर्ताओं में हताशा और निराशा है. जवाब तो मुझे देना पड़ता है. जब कोई नेता कोरोना काल में बाहर नहीं निकलता था, तभी युवा कार्यकर्ता ही बाहर निकलते थे. लालू रसोई इसका प्रमाण है. जब से पिताजी जेल गए हैं, वो मनमानी कर रहे हैं, उन्हें लगता है कि प्रदेश अध्यक्ष के बाद आगे जाकर वो ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन जाएंगे.
तेज प्रताप ने दावा किया कि ये लोग मेरे और मेरे भाई तेजस्वी में झगड़ा कराना चाहते हैं. पोस्टर-बैनर लोग खुद से लगाते हैं, मैंने तो नहीं कहा था कि मेरी तस्वीर लगाओ और तेजस्वी की हटा दो. मैं तो दिल्ली में था. मेरे पास पैसे नहीं हैं, अकाउंट देख लें. पोस्टर की शुरुआत उन्होंने की, मैंने नहीं.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी से अभी बात नहीं हुई है, मिलकर बात करूंगा. सब देख रहे हैं कि आगे बढ़ने वालों के पर कतरे जा रहे हैं. किसी को जब चाहे हटा दिया, मैं छात्र आरजेडी का संरक्षक हूं, मुझसे सलाह नहीं लिया गया. जब प्रदर्शन होता है तो पुलिस की लाठी कौन खाता है, यही छात्र नेता मार खाते हैं. ऐसे में उन्हें इस तरह से हटाना उनके मनोबल को गिराता है. मैं चुनौती देता हूं कि कार्रवाई ही करनी है तो मेरे खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई करते.