पटना: पटना विश्वविद्यालय इन दिनों शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है. यहां शिक्षकों के 60% पद खाली हैं. पटना विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज के सभी विभागों में शिक्षकों की भारी कमी है. सभी कॉलेज गेस्ट फैकेल्टी के भरोसे ही चल रहे हैं.
पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के स्वीकृत कई पद वर्षों से खाली पड़े हैं. इसी का नतीजा है कि नैक ने पटना कॉलेज और विश्वविद्यालय को अच्छी ग्रेडिंग नहीं दी है.
शिक्षकों की कमी के चलते प्रभावित हो रही पढ़ाई
बता दें कि पटना विश्वविद्यालय के अलग-अलग विषयों में कुल 746 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में 296 शिक्षक ही काम कर रहे हैं. जबकि 450 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. पीयू में प्रोफेसर के 69 पद और एसोसिएट प्रोफेसर के 184 पद स्वीकृत हैं. पिछली बार विश्वविद्यालय में इन पदों पर नियुक्ति लगभग 35 वर्ष पूर्व हुई थी. धीरे-धीरे प्रोफेसर रिटायर करते चले गए हैं. इन पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं हुई. विश्वविद्यालय में रिसर्च समेत तमाम शैक्षणिक गतिविधियों में भारी गिरावट होती चली गई. पटना विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के कई पद रिक्त हैं
इन विषयों के पद हैं खाली
- गणित 10 पद
- सांख्यिकी 6
- भौतिकी 18
- रसायन शास्त्र 12 पद
- भूगर्भ शास्त्र 7 पद
- जंतु विज्ञान 7 पद
- वनस्पति शास्त्र 9 पद
- इतिहास 14 पद
- इंग्लिश 13 पद
- हिंदी 8 पद
- संस्कृत 6 पद
- साइकोलॉजी 7 पद
- भूगोल 5 पद
- आर्कोलॉजी 5 पद
- पॉलिटिकल साइंस 6 पद
- इकोनॉमिक्स 7 पद
- सोशल साइंस 5 पद
- वाणिज्य 3 पद
कृष्ण नंदन वर्मा, शिक्षा मंत्री बिहार सरकार
गूगल पर आंसर ढूंढने की सलाह देते हैं टीचर
पटना विश्वविद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी है और विश्वविद्यालय की विभिन्न कॉलेजों का शिक्षण कार्य एडहॉक प्रोफेसर के भरोसे ही चल रहा है. शिक्षकों की कमी के कारण विश्वविद्यालय के छात्रों को काफी परेशानी होती. कई बार शिक्षक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते और गूगल पर आंसर ढूंढने की सलाह देते हैं. पटना विश्वविद्यालय के वाणिज्य महाविद्यालय के बीकॉम फर्स्ट ईयर के छात्र विनायक शंकर ने बताया कि अकाउंट्स में पूरे साल में शिक्षक मात्र 5 दिन ही क्लास लेने आए हैं. वह विभाग के एचओडी भी हैं. उन्होंने बताया कि अब जो एडहॉक प्रोफ्रेसर बिजनेस अकाउंट पढ़ा रहे हैं. वही अकाउंट पढ़ाने आते हैं. अकाउंट्स में सिलेबस बहुत पीछे चल रहा है. उन्होंने बताया कि फर्स्ट ईयर खत्म होने में बहुत कम समय बचा है. फरवरी में एग्जाम होना है और सभी छात्र अकाउंट्स में लगभग जीरो हैं. पटना कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस के प्रथम वर्ष के छात्र रजत कुमार ने बताया कि उनके विभाग में शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या है. इस कारण सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है. शिक्षकों की कमी के मसले पर बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि वह इस मामले पर गंभीर हैं. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में सरकार काम कर रही है. शिक्षकों की कमी पूरी हो इसके लिए सारी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह मसला उनकी प्राथमिकता में है. जल्द ही विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया निकलेगी.