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World Biofuel Day: पटना में विश्व जैव ईंधन दिवस के वार्षिकोत्सव का उपमुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा हर साल 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस (World Biofuel Day) मनाया जाता है. पटना में केबीपीएल कंपनी ने इस मौके पर वार्षिकोत्सव मनाया, जिसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किया.

World Biofuel Day
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Published : Aug 10, 2021, 6:29 PM IST

पटना: पटना के एक निजी होटल में विश्व जैव ईंधन दिवस (World Biofuel Day 2021) के अवसर पर केबीपीएल कंपनी ने वार्षिकोत्सव मनाया. इसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) ने किया साथ ही मुख्य अतिथि के रुप में बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Nitin Naveen) मौजूद रहे.

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विश्व भर में वायु प्रदूषण एक जटिल समस्या बनी हुई है. वायु प्रदूषण को समाप्त करने के लिए ग्रीन ईंधन का उपयोग करने पर सरकार का जोर है. भारत में ग्रीन ईंधन बायोफ्यूल सीएनजी इलेक्ट्रिक के उपयोग पर केंद्र सरकार भी जोर दे रही है.

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इसी को ध्यान में रखते हुए केबीपीएल (KBPL) कंपनी ने ग्रीन फ्यूल के रूप में बायो डीजल का निर्माण कर बाजार में उतारा है. यह बायोफ्यूल अखाद्य तेलों से प्राप्त किया जाता है. सामान्य डीजल की तुलना में बेहतर गुणवत्ता और कम लागत पर इसका उत्पादन किया जाता है ,जिससे ग्राहक के जेब पर भी दबाव कम पड़ता है.

प्रदूषण कम करने के लिए इस अवसर पर कई लोगों को पेट्रोल पंप के लिए एलओआई लाइसेंस सौंपा गया. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कृषय बायोफ्यूल भारतीय बाजार में उतारने का एक मूल कारण है कि देश प्रदूषण मुक्त हो सके और ग्राहक को सस्ता और लंबा माइलेज का भरपूर फायदा मिल सके.

कृषि बायोफ्यूल से देश के इकोनामी का विकास होगा. साथ ही आज के समय में जिस प्रकार से प्रदूषण का कहर बढ़ रहा है ऐसे में कृषय बायोफ्यूल एक बेहतर समाधान है.- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री, बिहार

वहीं केबीपीएल के प्रबंधक निदेशक ने बताया कि स्वदेशी अपनाने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अग्रणी रहने वाला कृषय बायोफ्यूल का बिहार में 3 बायो पंप सहरसा, दरभंगा और समस्तीपुर में चालू हो चुका है. साथ ही 87 नए पंप एनओसी की प्रक्रिया में है, जिसे शीघ्र ही क्रियान्वित किया जाएगा.

बता दें कि विश्व जैव ईंधन दिवस को पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल मनाया जाता है. साथ ही, यह दिन जैव ईंधन क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गये विभिन्‍न प्रयासों को उजागर करने के लिए भी मनाया जाता है.

गौरतलब है कि जैव ईंधन अक्षय संसाधनों से उत्पादित ईंधन है जैसे कि कृषि, वानिकी, वृक्ष आधारित तेल, अन्य गैर-खाद्य तेलों से प्राप्त बायोडिग्रेडेबल उत्पाद, अपशिष्ट और अवशेष. इनसे प्राप्त तेल या तो जीवाश्म ईंधन की जगह इस्तेमाल किया जाता है या पेट्रोल डीजल के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में 20 अप्रैल 2020 को NBCC (राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति) की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें यह अनुमोदित किया गया था कि भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को अल्कोहल आधारित हैंड सेनिटाइजर बनाने में उपयोग के लिए इथेनॉल में परिवर्तित किया जा सकता है और इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के लिए मिश्रित किया जा सकता है.

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