पटना:बालू के अवैध खनन (Illegal sand Mining) मामले में निलंबित डोरीगंज थाना अध्यक्ष (Suspended Doriganj SHO Sanjay Prasad) संजय प्रसाद करोड़पति निकले. आय से अधिक संपत्ति मामले में आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) द्वारा इनके खिलाफ मामला दर्ज कर उनके आवास पर छापेमारी के दौरान कई लाख के चल और अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है.
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मिल रही जानकारी के अनुसार कुल चल एवं अचल संपत्ति 49,64,914 रुपए पाई गई है. कुल अनुमानित व्यय करीब 33 लाख 18 हजार 30 रुपये पाई गई है. दरअसल वास्तविक आय स्रोत से करीब 24,82944 रुपए अधिक की परिसंपत्ति पाई गई है जो कि करीब 41% अधिक है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा आय से अधिक मामले में उनके गांव बेतिया स्थित पैतृक आवास और मुजफ्फरपुर आवास पर तलाशी ली गई है.
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तलाशी के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को मुजफ्फरपुर स्थित आवास से भूखंड निबंधन में कुल 71,00,000 रुपए संबंधित दस्तावेज मिले. 23,00,00 रुपया नगद बरामद किया गया है. संजय प्रसाद के बैंक खाते को फ्रीज करने की कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई को संजय प्रसाद के द्वारा अर्जित अन्य चल एवं अचल परिसंपत्तियों की भी जानकारी प्राप्त होने की संभावना जताई जा रही है. तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय प्रसाद वर्ष 2009 बैच के सीधे नियुक्ति अपर पुलिस अधीक्षक हैं. ये मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं सारण जिले में पदस्थापित रहे हैं.
बता दें कि बालू के अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने के बाद इन्हें निलंबित किया गया था. इनका मुख्यालय अभी पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय मुंगेर है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन थाना अध्यक्ष संजय प्रसाद ने 2015 से अक्टूबर 2017 के बीच वेतन खाते से 1 रुपये की भी निकासी नहीं की है. उन्होंने जीवन बीमा पॉलिसी में करीबन 11,24,914 का निवेश किया है.
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