पटनाःबिहार में हर एक मुद्दे को लेकर सियासी बयानबाजियां शुरू हो जा रही है. बीते दिन जेपी जयंती पर सिताब दियारा सहित प्रदेश में कई जगह कार्यक्रम हुए और जेपी के आंदोलन को लेकर कई सारी बातें भी हुई. कई नेताओं ने उन दिनों को याद किया और आंदोलन से जुड़ी अपनी स्मृतियां भी साझा की. इसी के साथ ही उस दौर के साथियों को मिलने वाला जेपी सेनानी सम्मान पेंशन और जेपी के आदर्शों को आगे बढ़ाने (Demand to increase JP fighter pension) को लेकर किये गए काम का क्रेडिट लेने की होड़ भी मची हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता एक दूसरे पर तीखे विषबाण छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर निशाना साधते (BJP targets Lalu Yadav and Nitish Kumar) हुए का कि लालू-राबड़ी सरकार ने जेपी के सम्मान में कुछ नहीं किया. जेपी सेनानियों को यूपी-एमपी की तरह बिहार सरकार पेंशन दे.
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जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाए सरकारःमोदी ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में जेपी सेनानियों को 20 हजार और मध्यप्रदेश में 25 हजार रुपये मासिक पेंशन समान रूप से सभी सेनानियों को मिलती है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार जाते ही कांग्रेस ने यह पेंशन योजना बंद कर दी. बिहार जेपी आंदोलन की धरती रही. यहां के सेनानियों की पेंशन राशि मात्र 7,500 और 15,000 रुपये है. इसमें वृद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों की पेंशन के लिए नीतीश सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया. सम्मान पेंशन की पात्रता रखने वाले 50 से ज्यादा लोगों के आवेदन की सारी प्रक्रिया पूरी कर मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए भी उन्हें फुर्सत नहीं है.