पटना: कोरोना महामारी संक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश के बाद बिहार देश का दूसरा सबसे उच्च जोखिम वाला राज्य बन गया है. मेडिकल जर्नल हेल्थ लांसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित भारत के जनसंख्या परिषद के राजीव आचार्य और आकाश पोरवाल के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आयी है.
कोरोना को लेकर सामाजिक भेद्यता सूचकांक के मामले में दरभंगा सबसे जोखिम वाला जिला है. देश के 20 सबसे कमजोर जिलों में 8 जिले बिहार में हैं. इसमें दरभंगा एक स्कोर के साथ कोरोना को लेकर सबसे असुरक्षित जिला है. इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक भेद्यता सूचकांक तैयार किया गया हैं.
19 जिलों में 0.900 से अधिक की भेद्यता स्कोर
शीर्ष 8 कमजोर सूची में बिहार के अन्य जिले समस्तीपुर, सारण, शिवहर, वैशाली, सहरसा, मुंगेर और खगड़िया हैं. परेशान करने वाली बात यह है कि 19 जिलों में 0.900 से अधिक की भेद्यता स्कोर है, जबकि 28 जिलों में एक के पैमाने पर 0.750 से अधिक की भेद्यता स्कोर है. बिहार के सभी 38 जिलों में 0.50 से अधिक की भेद्यता स्कोर है जो उच्च भेद्यता का संकेत देता है.
एक सप्ताह में इन जिलों में ज्यादा तेजी से बढ़े मामले
बिहार में बीते एक सप्ताह में जिन जिलों में ज्यादा तेजी से मामले बढ़े हैं, उनमें पटना, भागलपुर, सीवान, नालंदा, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय शामिल हैं. बता दें कि बिहार में जो कुल मामले सामने आए हैं, उनमें से 38 फीसदी इन्हीं जिलों में मिले हैं.
कोरोना संक्रमितों की संख्या 23 हजार के पार
बता दें कि बिहार में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 23 हजार को पार कर गई है. राज्य में फिलहाल 8129 सक्रिय मरीज हैं. कोरोना से 24 घंटे के अंदर 30 लोगों की मौत हुई है. कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा अब 197 पहुंच गया है.
एक सप्ताह में बिहार में आठ हजार से अधिक मामले
बता दें कि एक सप्ताह में मिले 8 हजार से अधिक मामले सामने आए. बीते 11 से 17 जुलाई की बात करें तो एक सप्ताह में बिहार में आठ हजार से अधिक मामले पाए गए हैं. यह एक हजार के औसत से कही अधिक हैं.
11 जुलाई : 709
12 जुलाई : 1266