पटना: बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Agriculture Minister Sudhakar Singh) ने अपने मंत्रालय के पूर्व के कार्यकलापों पर सवाल उठाया है. उन्होंने बिहार में तीन कृषि रोडमैप के अंतर्गत जो राशि खर्च की गई है, उसकी जांच करवाने की बात कही है. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मंत्री बनते ही कृषि विभाग के कार्यकलापों पर सवाल उठाया था. उसके बाद बिहार में तीन बार बनें कृषि रोडमैप को लेकर भी कई सवाल किए थे. उन्होंने साफ कह दिया है कि कृषि रोडमैप के तहत जो पैसे खर्चे किए गए हैं, उसकी जांच निश्चित तौर पर हम करवाएंगे. उन्होंने कहा कि कृषि रोडमैप लागू करने के बाद भी बिहार के किसानों का उत्पादन नहीं बढ़ा.
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किसानों को नहीं हुआ फायदाः कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि रोडमैप लागू करने के बाद भी न तो उत्पादन बढ़ी और न ही किसानों के जीवन स्तर में कोई सुधार हुआ. यह बहुत बड़ी बात है और यही कारण है कि हमें इस कृषि रोड मैप में खर्च की गई राशि की जांच करवानी पड़ रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011-12 में बिहार में कुल 10 करोड़ 77 लाख टन फसल का उत्पादन हुआ था. इस बार जब मैं मंत्री बना हूं और विभागीय आंकड़ा देखा तो पता चला कि वर्ष 2020 और 21 में एक करोड़ 76 लाख टन ही फसल का उत्पादन हुआ है. निश्चित तौर पर पिछले 10 सालों में उत्पादन में बढ़ोतरी के बजाय कमी ही आई है. यह चिंताजनक बात है और यही कारण है कि किसानों की आय नहीं बढ़ पाई है.