पटना:कांग्रेस (Congress) और राजद (RJD) के बीच पुराना गठबंधन है. कांग्रेस की मदद से राजद बिहार और केंद्र सरकार में रही है. दोनों दलों के रिश्तों में उतार चढ़ाव भी आए. विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव दोनों दल अलग-अलग भी लड़े. लेकिन, बाद में साथ हो गए. इस बार उपचुनाव में भी दोनों दल आमने-सामने हैं. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है.
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बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच 20 साल पुराना गठबंधन है. राज्य में दोनों दल कई बार अलग-अलग चुनाव लड़े, लेकिन केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जनता दल हमेशा भाजपा विरोधी खेमे में रहा. सोनिया गांधी को लेकर जब विदेशी मूल की बात की थी तब भी लालू प्रसाद यादव मजबूती से सोनिया गांधी के पक्ष में खड़े दिखे और सड़क से लेकर सदन तक सोनिया गांधी के लिए वकालत की.
हालांकि, राज्य के स्तर पर कई बार कांग्रेस और राजद के बीच नूरा कुश्ती हुई. 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस की राह अलग-अलग हुई. राजद को 23 सीटों पर जीत हासिल हुई, वहीं कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई. 2012 के उपचुनाव में भी कांग्रेस और राजद अलग-अलग लड़ीं जिसमें छह सीटों पर चुनाव हुआ, 5 सीटों पर राजद को जीत मिली और 1 सीट जदयू के खाते में गई. 2009 के लोकसभा चुनाव में भी राजद और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ीं और अब 2021 उपचुनाव में दोनों दल आमने-सामने हैं.
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कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के खाते में थी, लेकिन राजद ने वहां से भी उम्मीदवार खड़े कर दिए और दोनों दलों के बीच विवाद बढ़ गया. इसके बाद कांग्रेस की ओर से तारापुर के साथ-साथ कुशेश्वरस्थान पर भी उम्मीदवार खड़े कर दिए गए. चुनाव प्रचार के दौरान राजद और कांग्रेस के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला. लालू प्रसाद यादव ने बिहार कांग्रेस प्रभारी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की और छुटभैया नेता तक कह दिया. कांग्रेसी नेताओं ने भी स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में कोई भी चुनाव हम राजद के साथ नहीं लड़ेंगे. इन सबके बीच सोनिया गांधी ने फोन कर लालू प्रसाद यादव से बातचीत की और कांग्रेस नेताओं के तेवर नरम पड़ गए.