पटनाःबिहार सरकार ( Bihar Government ) लगातार बिजली के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक काम करने में जुटी हुई है. इसी कड़ी में बिहार भी सौर ऊर्जा ( Solar Energy ) के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहा है. सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सरकारी भवनों में सोलर पैनल ( Solar Systems in Government Buildings ) लगाया जा रहा है. फेज वन में 2600 सरकारी भवनों को शामिल किया गया था. जिसका काम इस माह के अंत तक पूरा होने जा रहा है. ऐसे में ब्रेडा द्वारा फेज टू की शुरुआत की जाएगी. फेज टू में भी सभी विभागों से डाटा मांगा गया है. उसके बाद उन विभागों की छतों पर सोलर पैनल ( solar panels ) लगाए जाएंगे.
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सबसे खास बात है कि सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगने के बाद उस भवन में खपत के बाद बची हुई बिजली आपूर्ति को ग्रीड के माध्यम से बिजली कंपनी को भी दिया जाएगा. सरकारी भवन से भी लाखों रुपए के बिजली बिल का झंझट खत्म हो जाएगा. बता दें कि ब्रेडा के द्वारा बिहार के सभी सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगना है. सरकारी भवनों की छतों पर भवनों की बिजली की खपत के बराबर सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं.
'इस फेज टू में जिन सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगना है, उसका विभाग से डाटा मांगा गया है. कुछ विभाग से डाटा ब्रेडा को उपलब्ध करा दिया गया है. कुछ विभाग द्वारा अभी उपलब्ध नहीं हो पाया है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले महीने दिसंबर तक फेज टू के अंतर्गत सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का काम शुरू हो सकता है.'-आलोक कुमार, डायरेक्टर, ब्रेडा
सबसे खास बात है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जितने भी गृह हैं, उसको चिह्नित किया गया है. अब बालिका गृह से लेकर बाल गृह और समाज कल्याण विभाग द्वारा जितने भी गृह संचालित होते हैं, उन सभी की छतों पर सोलर पैनल के माध्यम से भवन के लाइट को जगमग किया जाएगा. समाज कल्याण विभाग की ओर से राज्य में लगभग 70 होम संचालित हो रहे हैं.
विभाग ने इन सभी होम को सोलर सिस्टम से जगमग करने को लेकर ब्रेडा को डाटा उपलब्ध करा दिया है. जिसके बाद आने वाले दिनों में सोलर कनेक्शन से जगमग करने का निर्णय ले लिया है. इन सभी होम की छतों में सोलर सिस्टम लगाया जाएगा. सोलर पैनल व्यवस्था हो जाने से समाज कल्याण के द्वारा संचालित होम में आने वाली लाखों की बिजली बिल के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.
राज्य के बड़े-बड़े सरकारी भवनों की बिजली बिल लाखों रुपए की आती है. ऐसे भवनों में सोलर प्लांट लगने से बिजली बिल की बचत होगी. इसके साथ ही जल जीवन हरियाली अभियान के उद्देश्यों के अनुसार ऊर्जा की बचत होगी. इससे पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी. साथ ही साथ इन सोलर प्लांट से उत्पादन होनेवाली बिजली खपत से अधिक हुई तो उसे बिजली कंपनी को भी बेचा जा सकेगा. जिससे कि विभागों को और सरकारी भवनों को आय भी प्राप्त हो सकेगा.