पटना: जेडीयू ने इस बार राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha By Election 2022) में अपने एक पुराने कार्यकर्ता अनिल हेगड़े को प्रत्याशी (Anil Hegde JDU Rajya Sabha candidate) बनाया है. उनका नाम है अनिल हेगड़े. प्रत्याशी के तौर पर नाम घोषित होने के बाद वे देश भर में खासे चर्चा में हैं. लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. जिस सीट से अनिल हेगड़े को प्रत्याशी बनाया गया है, वह किंग महेंद्र के निधन से रिक्त हुई है. प्रत्याशी के तौर पर नाम घोषित होने के बाद अनिल हेगड़े के बारे में जानने के लिए लोगों में दिलचस्पी बढ़ गयी है. मूल रूप से कर्नाटक के उडुपी जिले के रहने वाले अनिल हेगड़े आर्थिक उदारीकरण के प्रबल विरोधी नेता माने जाते हैं.
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दिलचस्प है हेगड़े की कहानी: जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े की कहानी काफी दिलचस्प है. उन्होंने अब तक आंदोलनों के चलते करीब पांच हजार बार गिरफ्तारी दी है. वे 14 साल तक विदेशी कंपनियों के खिलाफ नई दिल्ली के पार्लियामेंट थाने पर प्रदर्शन कर गिरफ्तारी देते रहे. राजनीतिक आंदोलनों में गिरफ्तारियों को लेकर अनिल हेगड़े के नाम की चर्चा जरूर होती है.
समाजवादी विचारधारा के प्रति समर्पित: अनिल हेगड़े पिछले 38 साल से सक्रिय राजनीति में हैं. सबसे पहले जनता पार्टी, फिर जनता दल और समता पार्टी के बाद वे जेडीयू में हैं. अनिल हेगड़े ने रामकृष्ण हेगड़े के साथ जनता पार्टी में कार्य किया. वे बाद में जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी रहे. अनिल हेगड़े की गिनती देश में समाजवादी विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित नेताओं में होती है. डंकन प्रस्ताव हो या फिर कांडला पोर्ट पर हड़ताल, इन सभी में अनिल हेगड़े शामिल रहे.