पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) के नए मामलों में हाल के दिनों में गिरावट का ट्रेंड सामने आया है. हॉस्पिटलाइजेशन की संख्या भी घटी है, लेकिन कोरोना से होने वाली मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महीने अब तक 26 दिनों में सरकारी आंकड़े के अनुसार कोरोना से 101 मौत स्वास्थ विभाग ने दर्ज की है. 31 दिसंबर को प्रदेश में जहां 12,096 मौत कोरोना के कारण दर्ज थी, वहीं 26 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़कर 12,197 हो गया है.
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मौतों का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि कई प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना से होने वाली मौत स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर कुछ दिनों के बाद एड की जाती है. संक्रमण की तीसरी लहर में मरने वालों में 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या काफी अधिक है. 0 से 14 वर्ष के कई बच्चों ने भी संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा दी है. चिकित्सकों का कहना है कि जो लोग पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनमें ओमीक्रोन अधिक घातक हो जा रहा है, जो मरीज की मौत होने का एक प्रमुख कारण बन रहा (Sick people dying from Corona new variant Omicron) है. विगत 2 दिनों में पीएमसीएच और पटना एम्स में दो मासूमों की जानें गई हैं.
पटना के पीएमसीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुमन कुमार ने बताया कि इस बार कोरोना की तीसरी लहर बहुत घातक तो नहीं हैं, लेकिन मौत हो रही हैं. इसके पीछे वजह यह है कि जो लोग पहले से प्री एक्जिस्टिंग डिजीज से परेशान हैं, जैसे कोई डायबिटिक है तो कोई हाइपरटेंशन के शिकार हैं, किन्ही को डायलिसिस चल रही है और इस प्रकार की अन्य बीमारियां हैं तो ओमीक्रोन जानलेवा हो जा रहा है. पीएमसीएच में हाल ही में जो 1 साल 4 माह के बच्चे की मौत हुई है, उसे पहले से मेंजाईटीस था. उन्होंने कहा कि जो पहले से इस प्रकार की बीमारी से परेशान है, कोरोना होने के बाद उनकी बीमारी और बढ़ जा रही है, क्योंकि कोरोना शरीर के इम्यून सिस्टम को और डिप्रेस कर देता है और इस स्थिति में मरीज की मौत होने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
डॉक्टर सुमन कुमार ने बताया कि यह नहीं कह सकते हैं कि बीमार लोगों के लिए भी संक्रमण की तीसरी लहर का ओमीक्रोन वैरिएंट, संक्रमण की दूसरी लहर का डेल्टा वैरिएंट जितना ही खतरनाक है, लेकिन पहले से बीमार लोगों को ओमीक्रोन अधिक परेशानी बढ़ा दे रहा है. ओमीक्रोन वैरिएंट का लोगों के लंग्स के ऊपर डायरेक्ट असर नहीं दिख रहा है. संक्रमण की दूसरी लहर में जिस प्रकार ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट मरीजों को पड़ी थी, वैसा देखने को इस बार नहीं मिल रहा है. ओमीक्रोन की वजह से शरीर में पहले से जो बीमारी है वह गंभीर रूप ले ले रही है. यही मौत का कारण भी बन रही है.