पटना:बिहार में बाढ़ और सुखाड़ दोनों की स्थिति भयावह बनी हुई है. हालांकि वर्तमान में किसी भी जिले में बाढ़ का संकट नहीं है, लेकिन बाढ़ से हुई त्रासदी के बाद का संकट तकरीबन डेढ़ दर्जन जिलों में फैला हुआ है. जबकि राज्य का 26 जिला सूखे की चपेट में है.
7 सदस्य टीम भी बिहार दौरे पर
बता दें कि बाढ़ राहत के लिए बिहार सरकार ने 2700 करोड़ की राशि केंद्र सरकार से मांगी है. साथ ही इस विषय पर समीक्षा के लिए केंद्र से सात सदस्य टीम भी बिहार दौरे पर आई हुई है.
हर साल आती है बाढ़
केंद्रीय टीम के दौरे को लेकर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि इन सब का कोई फायदा नहीं होने वाला है. बिहार में हर साल बाढ़ आती है और चली जाती है. उसके बाद केंद्रीय टीम जांच करने भी आती है लेकिन कुछ बदलता नहीं है.
'PM ने नहीं किया हवाई सर्वे'
शिवानंद तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से जो भी सहायता राशि की मांग करती है उस राशि का चौथाई हिस्सा भी मुश्किल से मिल पाता है. उन्होंने कहा कि जब बिहार बाढ़ से तबाह था, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का हवाई सर्वे करना भी मुनासिब नहीं समझा.
'मनमोहन सरकार में मिले थे 1100 करोड़'
आरजेडी नेता ने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को मात्र 500 करोड़ की सहायता राशि दी थी. जबकि 2008 के बाढ़ के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1100 करोड़ की राशि के साथ-साथ अनाज भी मुहैया कराया था. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने केंद्र से जितनी भी राशि की मांग की होगी उसका एक चौथाई हिस्सा भी मिल जाए को बहुत बड़ी बात होगी.
केंद्र सरकार मंजूर करेगी मांग- आपदा मंत्री
वहीं, इस मामले पर बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि यहां की सरकार काफी सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मांग को केंद्र सरकार जरूर मंजूर करेगी.