पटना :अग्निपथ योजना को लेकर राजनीतिक विरोध जारी है. जहां एक ओर बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में विरोधी इस मुद्दे को उठा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सड़क पर भी इसका विरोध किया जा रहा है. हालांकि राहत की बात यह है कि शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में आज छात्र जनशक्ति परिषद शांति मार्च (Shanti March By Chatra Janshakti Parishad ) निकालेगा.
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गांधी मैदान से कारगिल चौक तक शांति मार्च : आज शाम 4 बजे पटना के गांधी मैदान से कारगिल चौक तक शांति मार्च निकाला जाएगा. छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव के निर्देश पर इस मार्च को निकाला जाएगा. जिसमें युवाओं को सफेद गुलाब देकर संदेश दिया जाएगा कि शांति तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएं. हिंसा का रास्ता बिल्कुल ना अपनाएं. इससे देश का ही नुकसान होता है.
अग्निपथ पर पर पुनर्विचार करे केन्द्र सरकार :संगठन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रशान्त प्रताप यादव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ जैसी योजना तब लाई गई जब बेरोजगारी अपने उच्चतम रिकॉर्ड को पार कर रही है. युवा भविष्य को लेकर चिंतित हैं. ऐसी परिस्थिति में युवाओं ने उग्र आंदोलन किया. इसके लिए पूरी तरह से 'जुमले वीर सरकार' जिम्मेदार है. हमलोग हिंसा का समर्थन कतई नहीं करते. हमलोग गांधी जी को मानने वाले लोग हैं. इसलिए शान्ति मार्च के माध्यम से सरकार से अपील करेंगे कि निर्दोष छात्रों, नौजवानों और शिक्षकों को परेशान न करें, जिन्हें जेल भेजा गया उन्हें रिहा करें और इस योजना पर पुनर्विचार करें.
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज हैं छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.