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कैबिनेट मंजूरी के बाद शुरू होगा पटना समेत 6 जिलों में बालू खनन का कार्य

बिहार का पीला सोना के नाम से जाना जाने वाला सोन का बालू पिछले 3 महीने से मॉनसून की वजह से बंद है. एनजीटी के द्वारा 1 जुलाई से 30 सितंबर तक खनन पर रोक लगा दी गई थी. एक अक्टूबर से फिर से बालू खनन का कार्य शुरु हो चुका है लेकिन पटना समेत बिहार के 6 जिले में शुक्रवार से बालू खनन का कार्य नहीं शुरू हो पाएगा.

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Published : Oct 1, 2021, 1:55 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 6:11 PM IST

कैबिनेट मंजूरी के बाद शुरु होगा पटना में खनन का कार्य
कैबिनेट मंजूरी के बाद शुरु होगा पटना में खनन का कार्य

पटना:राजधानी पटना में खान एवं भूतत्व विभाग (Mines & Geology Department of Bihar) ने दावा किया था कि 1 अक्टूबर से बिहार के सभी जिलों में (All Districts in Bihar) बालू की किल्लत नहीं रहेगी परंतु 1 अक्टूबर से सिर्फ 8 जिलों में ही बालू का खनन (Sand Mining) शुरू हो पाएगा. इसमें नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर जिला शामिल हैं.

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अन्य जिलों में बालू के बंदोबस्ती टेंडर के माध्यम से होगी जिसके लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है. खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम के अनुसार आज की कैबिनेट की बैठक में अन्य 8 जिलों के खनन को लेकर मंजूरी मिल जाएगी. जिसके बाद बचे जिलों में खनन प्रारंभ होगा और उचित मूल्य पर आम जनता तक बालू मुहैया हो पाएगा.

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दरअसल जिन 8 जिलों में बंदोबस्ती की समय सीमा 30 सितंबर तक के लिए थी. वहां सरकार ने पुराने बंदोबस्तधारियों को अगले 3 महीने तक बंदोबस्ती की समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है. ऐसे इन 8 जिलों में पुराने बंदोबस्त धारी ही बालू का खनन करेंगे.

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दरअसल, मानसून को देखते हुए हर साल एनजीटी द्वारा 1 जुलाई से खनन पर रोक लगा दी जाती है. लिहाजा हर साल बालू खनन का कार्य बंद हो जाता है. अब 1 अक्टूबर से रोक हटने के बाद खनन का कार्य शुरू होगा. समस्या यह है कि पटना समेत 5 जिले में इस बार खनन कंपनी ब्राडसन ने खनन कार्य करने से इंकार कर दिया था.

लिहाजा इन जिलों में 1 मई से खनन कार्य बंद है. 1 अक्टूबर यानी कि शुक्रवार से एनजीटी रोक तो हट गई है लेकिन पटना समेत कई अन्य जिलों में बालू की किल्लत अभी भी रहेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि आज के कैबिनेट की बैठक में बालू की किल्लत ना हो सके उसको लेकर मंजूरी मिल जाएगी.

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जिसके बाद टेंडर के माध्यम से बंदोबस्ती का भी कार्य जल्द ही प्रारंभ होगा. कुल मिलाकर बात करें तो पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद रोहतास और गया मैं बालू का खनन शुक्रवार से प्रारंभ नहीं हो पाएगा. कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही यहां भी खनन प्रारंभ किया जाएगा. हालांकि एनजीटी के रोक हटने के बाद 1 अक्टूबर से नवादा, किशनगंज, वैशाली, बांका, मधेपुरा, बेतिया, बक्सर और अरवल में 1 अक्टूबर से खनन का कार्य प्रारंभ हो गया है और अब उचित मूल्य पर जनता को बालू मुहैया होगा.

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आपको बता दें कि एनजीटी के निर्देशानुसार 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बालू का खनन मानसून के मद्देनजर बंद कर दिया गया था. इसी बीच बालू घाटों से अवैध खनन की जा रही थी. जिससे राजस्व की हानि पहुंच रही थी. राज्य सरकार द्वारा बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है.

वहीं, बिहार में नदी घाटों से बालू खनन (Sand Mining) के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति (Environmental Clearance) देने वाली संस्था सिया के पुनर्गठन के बाद 1 अक्टूबर से बालू खनन घाटों को विस्तार मिलेगा. जिससे बिहार के 6 जिले में नए सिरे से बालू खनन की व्यवस्था शुरू हो सकेगी. इस बात की जानकारी देते हुए खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने ये भी कहा कि अब लोगों को बालू आसानी से मिलेगा.

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Last Updated : Oct 1, 2021, 6:11 PM IST

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