पटना:राजधानी पटना में खान एवं भूतत्व विभाग (Mines & Geology Department of Bihar) ने दावा किया था कि 1 अक्टूबर से बिहार के सभी जिलों में (All Districts in Bihar) बालू की किल्लत नहीं रहेगी परंतु 1 अक्टूबर से सिर्फ 8 जिलों में ही बालू का खनन (Sand Mining) शुरू हो पाएगा. इसमें नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर जिला शामिल हैं.
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अन्य जिलों में बालू के बंदोबस्ती टेंडर के माध्यम से होगी जिसके लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है. खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम के अनुसार आज की कैबिनेट की बैठक में अन्य 8 जिलों के खनन को लेकर मंजूरी मिल जाएगी. जिसके बाद बचे जिलों में खनन प्रारंभ होगा और उचित मूल्य पर आम जनता तक बालू मुहैया हो पाएगा.
दरअसल जिन 8 जिलों में बंदोबस्ती की समय सीमा 30 सितंबर तक के लिए थी. वहां सरकार ने पुराने बंदोबस्तधारियों को अगले 3 महीने तक बंदोबस्ती की समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है. ऐसे इन 8 जिलों में पुराने बंदोबस्त धारी ही बालू का खनन करेंगे.
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दरअसल, मानसून को देखते हुए हर साल एनजीटी द्वारा 1 जुलाई से खनन पर रोक लगा दी जाती है. लिहाजा हर साल बालू खनन का कार्य बंद हो जाता है. अब 1 अक्टूबर से रोक हटने के बाद खनन का कार्य शुरू होगा. समस्या यह है कि पटना समेत 5 जिले में इस बार खनन कंपनी ब्राडसन ने खनन कार्य करने से इंकार कर दिया था.
लिहाजा इन जिलों में 1 मई से खनन कार्य बंद है. 1 अक्टूबर यानी कि शुक्रवार से एनजीटी रोक तो हट गई है लेकिन पटना समेत कई अन्य जिलों में बालू की किल्लत अभी भी रहेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि आज के कैबिनेट की बैठक में बालू की किल्लत ना हो सके उसको लेकर मंजूरी मिल जाएगी.