पटनाःलोक जनशक्ति पार्टी (Lok Jan Shakti Party) अब दो फाड़ हो चुकी है. एक तरफ से चाचा पशुपति कुमार पारस (
Pashupati Kumar Paras) तो दूसरी ओर से भतीजे चिराग पासवान(Chirag Paswan) एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के वाण चला रहे है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में जारी इस घमासान को लेकर कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं कि वे किसके पाले में जाएं.
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ऐसे में एक दिलचस्प बात देखने को मिली है. चिराग पासवान के बहनोई और राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बड़े दामाद अनिल कुमार साधु (Anil Kumar sadhu) ने खुद को चिराग हनुमान बताया है.
विभीषण हैंपशुपति पारस
चिराग के बहनोई ने लोजपा में जारी कलह के बीच खुलकर उनके पक्ष में आ गए हैं. अनिल कुमार साधु राजद के वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने अपने साले चिराग पासवान के समर्थन में मोर्चा खोल कर चचेरे ससुर पशुपति पारस को खुली चुनौती दी है. उन्होंने पशुपति पारस को विभीषण बताते हुए कहा कि जो अपने भाई, भतीजे और पार्टी का नहीं हुआ, वो जनता का क्या होगा.
"मैं चिराग पासवान का हनुमान हूं. उनकी डूबती नैया बचाना हमारा कर्तव्य है. राजद और लोजपा एक साथ हो जाए तो बिहार में सरकार बहुत ही आसानी से बनेगी. नीतीश कुमार और पशुपति पारस आरएसएस की गोद में खेलकर मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं. लेकिन जनता जानती है. समय आने पर मुंहतोड़ जवाब देगी." -अनिल कुमार साधु, राजद के वरिष्ठ नेता
पशुपति पारस पर जमकर बरसे
रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पशुपति पारस ने मां (पार्टी) को गिरवी रखने का काम किया है. उन्होंने कहा कि पारस ने चिराग की पीठ में खंजर घोपकर रामविलास के सपने को चूर-चूर करने का काम किया है.
दलित वोट राम विलास का था, है और रहेगा
अनिल कुमार साधु ने कहा कि उनके साथ चिराग ने जो कुछ भी किया वो उसे भूल गए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने जहर पी लिया है. किचन में जब बरतन होते हैं, तो ढनढनाते ही हैं. पशुपति पारस को मुझसे सीखना चाहिए कि विरोधी दल का होते हुए भी मैं चिराग के साथ खड़ा हूं. साधू ने कहा कि पारस ने पार्टी तो तोड़ ली है लेकिन मुंगेरी लाल के सपने न देखें. दलित वोट रामविलास का था, है और रहेगा.
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कभी कहा था, रामविलास की झोपड़ी में लगेगी आग
आपको बताते चलें कि भले ही आज अनिल कुमार साधु चिराग का हनुमान बनने की बात कह रहे हों, लेकिन एक समय इन्होंने ही लोजपा से निकाले जाने पर एक नीजी चैनल से कहा था कि 'मुझे निकालने से रामविलास की झोपड़ी में आग लग जाएगी'. 6 साल पहले कही गई ये बात भले ही आज सच हो रही हो, लेकिन साथ में सच यह भी है कि चिराग और साधु की कभी बनी नहीं.
अनिल कुमार साधु को चिराग पासवान ने राम विलास पासवान के पार्थिव शरीर को देखने तक नहीं दिया था. वहीं उन्होंने बहन रीना पासवान से राखी तक नहीं बंधवाई थी और गार्ड से जबरन बाहर का रास्ता दिखवाया था.
राजनीति में कुछ भी होना संभव
लोजपा में जो घमासान मचा है, उसको लेकर कार्यकर्ताओं में पशुपति पारस के खिलाफ आक्रोश दिख रहा है. इसे देखकर यह कहा जा रहा है कि चिराग की स्थिति फिलहाल मजबूत है. यही कारण है कि राजद के नेता चिराग पर डोरे डाल रहे हैं. कई नेताओं ने उन्हें राजद के साथ हाथ मिलाने के लिए न्योता तक दिया है. ऐसे में जब जीजा अनिल आज जहर का घूंट पीकर चिराग का हनुमान बनने की बात कह रहे है तो इसमें भी चिराग को राजद के पाले में करने की कवायद दिखती है.