पटना: बिहार में शराबबंदी को लेकर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) सख्त हैं और हर हाल में कानून को लागू करने की बात कर रहे हैं. सीएम नीतीश इस बार शराबबंदी पर ही यात्रा निकालने वाले हैं, लेकिन दूसरी तरफ सहयोगी दल के नेता ही लगातार शराबबंदी कानून ( Prohibition Law In Bihar ) पर सवाल खड़ा कर नीतीश कुमार और जदयू की मुश्किल बढ़ा रखा है.
दरअसल, पहले बीजेपी के प्रदेश सदस्य संजय जायसवाल ने समीक्षा की बात की और उसके बाद बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर सहित कई नेताओं ने भी बयान दिया. अब लगातार हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी कानून ( Manjhi statement on prohibition ) में संशोधन की मांग कर रहे हैं.
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बुधवार को जीतन राम माझी ( jitan ram manjhi on liqour drink ) ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'ये ओपन सीक्रेट है, ये सत्य है कि जो बड़े लोग हैं, जो ठेकेदार हैं, धनवान हैं, इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं, आईएएस हैं, आईपीएस हैं, ये सभी रात में 10 बजे के बाद लिमिट में शराब पीते हैं, लेकिन दुनिया नहीं जानती है कि वो शराब पीते हैं.'
शराब पीने को लेकर गरीबों को सलाह देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'क्यों पीकर इधर-उधर करते हो, लिमिट में पीयो जैसे बड़े लोग पीते हैं, पकड़ने की बात इसलिए आती है क्योंकि तुम पीकर चौराहे पर घूमने लगते हो, इसलिए बड़े लोगों से सीखो, रात में लेना है तो लेकर सो जाओ और सुबह उठकर काम करो.'
जीतन राम मांझी के बयान पर जदयू सकते में है. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि जीतन राम मांझी को जो कुछ भी कहना है, मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात को रखें. सभाओं में और सार्वजनिक मंचों से जिस प्रकार से बोल रहे हैं, वह सही नहीं है. बता दें कि इससे पहले भी जदयू मांझी को इसी तरह का नसीहत दे चुका है.
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