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आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी में MBBS छात्रों का हंगामा, फेल होने पर कर रहे प्रमोट करने की मांग

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के 2019 बैच के फर्स्ट ईयर एमबीबीएस छात्रों (MBBS Students) ने हंगामा किया और यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सभी ने प्रबंधन पर छात्रों को एक और दो नंबर से फेल करने का आरोप लगाया. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Sep 1, 2021, 5:51 PM IST

पटना:बिहार की राजधानी पटना (Patna) में बुधवार को प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के 2019 बैच के फर्स्ट ईयर एमबीबीएस छात्रों (MBBS Students) ने मीठापुर स्थित आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के प्रशासनिक भवन में जमकर हंगामा किया.

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छात्रों ने आरोप लगाया कि लगभग 6 महीने पहले उन लोगों ने फर्स्ट ईयर की परीक्षा दी थी, उसकी कॉपी सही से चेक नहीं की गई है. 50 फीसदी छात्रों को एक और दो नंबर से फेल कर दिया गया है. इस दौरान प्रदेशभर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के 200 से अधिक छात्र यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन में मौजूद रहे और यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही सभी छात्रों को प्रमोट करने की भी डिमांड की.

देखें रिपोर्ट

छात्रों की भीड़ और प्रोटेस्ट को देखते हुए विश्व विद्यालय प्रबंधन ने स्थानीय जक्कनपुर थाने से सहयोग मांगा, जिसके बाद कई पुलिस की गाड़ियां विश्वविद्यालय में पहुंच गई, जिससे छात्र और ज्यादा नाराज हो गए.

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भीम्स मेडिकल कॉलेज पावापुरी के छात्र अजय चौधरी ने बताया कि वह 2019 बैच के छात्र हैं और उन लोगों का सेशन पहले से ही काफी विलंब चल रहा है. विश्वविद्यालय की तरफ से एग्जाम फर्स्ट ईयर का काफी पहले लिया गया, लेकिन रिजल्ट अब जारी किया गया है और रिजल्ट काफी गलत है. उन्होंने कहा कि वह दो साल से फर्स्ट ईयर में ही है, अभी कॉलेज में उन लोगों की सेकेंड ईयर की पढ़ाई चल रही है.

''प्रदेश भर में लगभग 1100 छात्रों ने फर्स्ट ईयर एग्जाम में अपीयर किया, जिनमें से लगभग 500 छात्रों को विश्वविद्यालय ने फेल कर दिया है और अधिकांश छात्रों को एक और दो नंबर से फेल किया गया है. यूनिवर्सिटी के तरफ से रिवैल्युएशन की भी बात नहीं कही जा रही है. यूनिवर्सिटी के अन्य कोर्सेज के छात्रों को यूनिवर्सिटी ने प्रमोट कर दिया है. लेकिन, सिर्फ मेडिकल छात्रों का एग्जाम लिया और कॉपी भी सही से चेक नहीं की गई.''-अजय चौधरी, छात्र

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दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के छात्र दीपक कुमार सिंह ने कहा कि एग्जामिनेशन से पहले उन लोगों का मार्किंग क्राइटेरिया चेंज हुआ और इस बात की जानकारी भी उन लोगों को नहीं दी गई. एग्जाम में सिलेबस क्या होगा, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई और एग्जाम कंडक्ट करा लिया गया.

''ऑनलाइन क्लास में जिस प्रकार शिक्षकों ने पढ़ाया, उसी अनुरूप उन लोगों ने परीक्षा दी, लेकिन अधिकांश छात्रों को विश्वविद्यालय ने फेल कर दिया. हमारी मांग है कि जिस प्रकार से अन्य कोर्सेज के छात्रों को विश्वविद्यालय ने प्रमोट किया है उसी प्रकार हमें भी प्रमोट किया जाए.''-दीपक कुमार सिंह, छात्र

पीएमसीएच के छात्र अजय गुप्ता ने बताया कि वायवा में वह सभी पास हैं, मगर थ्योरी में उन्हें फेल कर दिया गया है. एग्जाम काफी पहले लिया गया और कोरोना का हवाला देकर रिजल्ट काफी लेट से प्रकाशित किया गया. उन्होंने बताया कि कॉलेज में सेकेंड ईयर के क्लास चल रहे हैं और अब सेकेंड ईयर की परीक्षा होने वाली है, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा उन लोगों को फेल कर उन लोगों के कैरियर से खिलवाड़ किया जा रहा है. काफी कम नंबर से छात्रों को फेल किया गया है.

''हमारी विश्वविद्यालय प्रबंधन से सिर्फ एक ही मांग है कि सभी छात्रों को सेकेंड ईयर के लिए प्रमोट किया जाए, क्योंकि सभी छात्र सेकेंड ईयर की पढ़ाई आधी से अधिक पूरी कर चुके हैं. जब हम अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन से बात करने पहुंचे हुए हैं, तो पुलिस बल को बुलाकर छात्रों को डराया जा रहा है.''- अजय गुप्ता, छात्र

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