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'सर 42 साल हो गए... सड़क नहीं बना... आप हमारे गांव आइये ना'

नीतीश कुमार के जनता दरबार में सड़क निर्माण नहीं होने का मुद्दा उठा. भोजपुर से आए एक फरियादी ने कहा कि 42 साल से गांव का मुख्य सड़क से संपर्क नहीं हुआ है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 18, 2021, 1:57 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार (Nitish Kumar Janta Darbar) में आए एक फरियादी ने कहा कि 42 साल बीत गए लेकिन गांव का मुख्य सड़क (Road Construction Matter) से संपर्क नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन करके ग्रामीण कार्य विभाग को समस्या को जल्द दूर करने का निर्देश दिया.

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''सर लगभग 42 वर्ष हो गया, बिहार सरकार द्वारा महादलित बस्ती बसाया गया है. अभी तक मुख्य सड़क से संपर्क नहीं हुआ है. कितने दिन से प्रयास कर रहे हैं. आपकी मदद की आस है और आप पर ही विश्वास है. ऐसा हो सकता है.'' भोजपुर से आए फरियादी

देखें वीडियो.

यह सुनकर सीएम नीतीश कुमार ने पूछा कि आपके गांव में सड़क नहीं बनी है? इसपर फरियादी ने कहा कि नहीं सर, इसका निर्माण नहीं हुआ है. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग को फोन किया. उन्होंने कहा कि भोजपुर से दलित समुदाय के एक सदस्य आए हैं. महादलित बस्ती है उसको मुख्य सड़क से अभी तक जोड़ा नहीं गया है. देखकर इसपर तत्काल कार्रवाई करें.

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नीतीश कुमार के कहने के बाद फरियादी तो कुर्सी से उठ गया लेकिन जाना नहीं चाह रहा था. कह रहा था, ''सर आप हमारे यहां आते तो बहुत कृपा होती. सभी लोगों ने एक निमंत्रण पत्र भी दिया है. सभी चाहते हैं कि आप हमारे यहां आएं.''

बता दें कि 5 साल के बाद कोरोना काल में शुरू किए गए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में फिलहाल सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल किया जा रहा है. जनता दरबार में शामिल होने के लिए लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.

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