पटना: बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Prohibition in Bihar) है. परिवहन विभाग (Transport Department Bihar) के अनुसार बिहार में शराबबंदी का जो मूल उद्देश्य था, वह कहीं ना कहीं पूरा होता दिख रहा है. परिवहन विभाग के अनुसार दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में शराब पीकर दुर्घटना ना के बराबर हो रही है. परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल (Sanjay Agarwal) के मुताबिक शराब पीने की वजह से दुर्घटना में मौत का मामला कम ही सामने आया है.
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'शराबबंदी के कारण सड़क पर कम दुर्घटनाएं हो रही हैं. शराबबंदी का मूल उद्देश्य पूरा होता दिख रहा है. बिहार की सड़कों की स्थिति में सुधार हुआ है. 2 लेन की सड़क फोरलेन में तब्दील हो गयी है. फोरलेन अब सिक्स लेन में तब्दील हो गयी है. सड़क के बढ़िया होने की वजह से पहले की तुलना में और दुर्घटनाओं में भी भारी कमी हो रही है.'-संजय अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में बिहार में कुल 6764 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें बिहार में हिट एंड रन के मामले में 1216 मामलों में 1385 लोगों की मौत हुई है. बिहार में सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए परिवहन विभाग ड्राइविंग टेस्ट को पहले से और कठोर बनाने जा रहा है. ताकि बिना पूरी जानकारी के कोई व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सके और सड़कों पर गाड़ी नहीं चला सके. परिवहन विभाग के अनुसार दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में दुर्घटनाओं में भारी कमी आई है. बिहार पूरे देश भर में सड़क दुर्घटना के मामले में 16वें स्थान पर है.
परिवहन विभाग के अनुसार बिहार के 112 सड़कों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया है. उन स्थानों को सुधारने का कार्य किया जा रहा है. इन स्थानों पर पहले की तुलना में अब कम दुर्घटनाएं हो रही हैं. ब्लैक स्पॉट के बाद अब परिवहन विभाग ग्रे स्पॉट पर फोकस कर रहा है. रोड सेफ्टी को लेकर कई तरह के प्रयास बिहार में परिवहन विभाग की ओर से किए जा रहे हैं.