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कृषि कानूनों का विरोध: RLSP लगा रही किसान चौपाल, RJD ने कहा- किसान हमारे साथ

कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए रालोसपा किसान चौपाल लगा रही है. इस संबंध में राजद का कहना है कि किसानों के हक में हमने सबसे पहले आवाज उठाई. हर पार्टी को कृषि कानूनों का विरोध करने का हक है, लेकिन किसान हमारे साथ हैं. यही कारण है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है.

Opposition to agricultural laws
धीरज कुशवाहा और मृत्युंजय तिवारी

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Published : Feb 8, 2021, 8:50 PM IST

पटना:नए कृषि कानूनों को लेकर बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) किसान चौपाल लगाकर किसानों को समझाने में लगी है. पार्टी के प्रवक्ता धीरज कुशवाहा ने कहा कि नए कृषि कानूनों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का प्रावधान है. यह किसानों के लिए खतरनाक है. हमलोगों ने किसानों को चौपाल के माध्यम से इन बातों को समझाया है. इसका असर दिख रहा है.

"10000 से ज्यादा किसान चौपाल हमारी पार्टी लगाएगी. 25 लाख से ज्यादा किसानों के घर जाकर कार्यकर्ता नए कृषि कानूनों के बारे में समझाएंगे. इसके लिए हमने अभियान शुरू कर दिया है. बिहार के कई जिलों में किसान चौपाल लगाए गए हैं. अब किसान सबकुछ समझ गए हैं."- धीरज कुशवाहा, रालोसपा प्रवक्ता

किसान राजद के साथ
रालोसपा के किसान चौपाल को लेकर राजद ने तंज कसा है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि सभी पार्टी को नए कृषि कानून का विरोध करने का हक है. राजद सबसे पहले से कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है. बिहार के किसान हमारी पार्टी के साथ हैं. हमारी पार्टी को बिहार की जनता का साथ मिला है. बिहार विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है.

देखें रिपोर्ट

"सबसे पहले राजद ने कृषि कानूनों का विरोध किया था. हमने मानव श्रृंखला लगाई, जिसमें हजारों किसान शामिल हुए. सभी जिलों में कार्यकर्ताओं ने किसानों को नए कृषि कानूनों की खामियों को समझाया. किसानों का समर्थन जिस तरह हमारी पार्टी को मिला है यह बड़ी बात है. बिहार में हमारी पार्टी कृषि कानूनों का विरोध मुखर रूप से कर रही है."- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

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नए कृषि कानूनों का विरोध बिहार में विपक्ष में बैठी पार्टियां अपने-अपने तरह से कर रही हैं. रालोसपा का किसान चौपाल महागठबंधन के नेताओं को रास नहीं आ रहा है. किसान के सबसे बड़े हितैषी बनने की होड़ बिहार के विपक्षी पार्टियों में देखने को मिल रही है.

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