पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस (Withdraw of all three Agricultural Laws) लेने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस को किसानों की जीत बता रहे हैं. बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किया. पीएम की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने लागातार तीन ट्वीट किये.
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पहले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि 'और अहंकार टूट गया.' उसके बाद लिखा 'किसान की जीत, देश की जीत, पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार.' एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी. उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं.
उसके बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि '26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे. बिहार चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे. इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक नेताओं/कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया. किसानों की जीत हुई.'
गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है.