पटना:लगभग 2 साल बादकेंद्रीय कैबिनेट ( Modi Cabinet Reshuffle ) का विस्तार हुआ. कुछ बाहर हुए तो कुछ अंदर. वहीं कुछ लोग चर्चा में ही रहकर रह गए. जब चर्चा हुई तो अब नाम पर सियासत भी हो रही है. बिहार के कई ऐसा नेता थे, जो चर्चा में तो थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला, खासकर बीजेपी से सुशील मोदी ( Sushil Modi ) और जेडीयू से ललन सिंह.
खासकर सुशील मोदी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया तो आरजेडी नेताओं को मौका मिला गया. बुधवार को ही लालू के बड़े लाल तेज प्रताप और बेटी रोहिणी आचार्य ने जमकर निशाना साधा.
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तेज प्रतापने सुशील मोदी पर तंज कसते हुए कहा था- 'केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सभी नए मंत्रियों को शुभकामनाएं. सुशील मोदी के लिए ढेर सारी सांत्वनाएं. छोटका मोदीजी, नया कुर्ता-पायजामा जो सिलवाएं हैं, उसको संभालकर रखिए. जल्द तेजस्वी का शपथग्रहण होने वाला है. वहां दर्शकदीर्घा में एक कुर्सी आपके लिए रिजर्व रखा जाएगा.'
वहीं, रोहिणी आचार्य ने बुधवर को ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए. सुशील कुमार मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने लिखा-'श्री लालू चालीसा का जपासन काम न आया. कान कटनी बहन के भाई को मंत्री बनने का सपना अधूरा ही रह गया!!'
दरअसल, कैबिनेट विस्तार से पहले जिन नेताओं के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा थी, उनमें सुशील मोदी का भी नाम था. हालांकि बाद में स्पष्ट गया कि उन्हें केंद्र में नहीं बनाया जाएगा.