पटना: बिहार विधानसभा में विनियोग अधिकाई व्यय पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चारा घोटाले पर चर्चा छेड़ी. वहीं उनके इस बयान पर आरजेडी के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को हटाने की मांग की.
चारा घोटाले का जिक्र
दरअसल 1977 से लेकर 2015 तक 140 अधिकाई व्यय के समायोजन को लेकर विधानसभा से अनुमति लेनी थी, लेकिन चारा घोटाला की वजह से विभाग के 650 से अधिक करोड़ अभी भी फंसे हैं, क्योंकि कोर्ट ने रोक लगा रखी है. 650 करोड़ किन किन मदों में निकासी की गई उसी का सुशील मोदी ने जिक्र कर दिया जिस पर आरजेडी ने विरोध किया.
विधानसभा में सुमो ने की चारा घोटाले की चर्चा इस तरह किया गया घोटाला
सुशील मोदी ने कहा कि पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान में कई गड़बड़ी की गई.1990-91 में पशुपालन विभाग के बजट के प्रावधान के मुताबिक 54 करोड़ की निकासी की जा सकती थी लेकिन नियमों के विपरित 84 करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गई.
- दूसरे साल 1991-92 में 59 करोड़ के बजाए 129 करोड़
- तीसरे वर्ष 1992-93 में 66 करोड़ की जगह 154 करोड़ से ज्यादा
- चौथे साल 1993-94 में 74 करोड़ की जगह 199 करोड़ की निकासी
- पांचवें साल 1994-95 में 74 करोड़ की जगह 245 करोड़ निकासी
- छठे साल 1995-96 में 82 करोड़ की जगह 205 करोड़ से अधिक की निकासी
RJD का विरोध
सुमो के इस बयान पर भोला यादव ने कहा कि सुशील मोदी ने जानबूझकर इस तरह की बात की है. इस पर मुख्यमंत्री जब मौजूद थे तो उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए था. आरजेडी नेता ने विधानसभा अध्यक्ष से सुशील मोदी के वक्तव्य को कार्यवाही से हटाने की मांग की.
BJP का तंज
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उपमुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा. चारा घोटाले में लालू यादव जेल में बंद है. यही कारण है कि उस घोटाले का जब भी जिक्र होता है तो इन्हें मिर्ची लगती है.