पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi Controversy) को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. जीतन राम मांझी ने एक सभा में ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द कह दिया. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. पहले तो उनके बोल बिगड़े, बाद में उन्होंने सफाई में कहा कि हमने अपशब्द का इस्तेमाल अपने समाज के लोगों के लिए किया था. लेकिन अपशब्द तो अपशब्द है. उनके बयान पर राजद ने जीतन राम मांझी को माफी मांगने को कहा (RJD Asks Jitan Ram Manjhi to Apologize) है.
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'जीतन राम मांझी आदरणीय नेता हैं. बड़े नेता हैं. वे इस तरह का बयान अगर किसी जाति को लेकर देते हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जबसे मांझी जी भाजपा और आरएसएस वाले पार्टी के साथ मिले हैं, तबसे उनके बोल बिगड़ गए हैं. यही कारण है कि वे ब्राह्मणों को लेकर इस तरह की बयानबाजी भरी सभा में कर रहे हैं. जीतन राम मांझी को अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए.'-मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव हमेशा कहते हैं कि ए टू जेड की राजनीति होनी चाहिए. निश्चित तौर पर समाज के सभी वर्ग सभी जाति और सभी धर्म के लोग बराबर हैं. किसी जाति विशेष को लेकर अगर कोई आदमी टिप्पणी करता है, तो वह अच्छा नहीं है. हमारा मानना है कि समाज के सभी जाति धर्म और वर्ग के लोग एक समान हैं. सबका आदर करना चाहिए लेकिन जीतन राम मांझी ने जिस तरह ब्राह्मणों को लेकर बयान दिया है, वह ठीक नहीं है. भले ही वे कुछ भी सफाई दें लेकिन हम कहना चाहते हैं कि उन्हें समाज के उस जाति से माफी मांगनी चाहिए, जिनके खिलाफ उन्होंने भरी सभा में इस तरह का बयान दिया है.
जानकारी दें कि जीतन राम मांझी की चर्चा खुले मंच से ब्राह्मणों को गाली देने (Jitan Ram Manjhi Abused Brahmins) को लेकर है. मांझी ब्राह्मणों के लिए भद्दी गाली का इस्तेमाल करते हुए सनातनी आस्था को भी ठेस पहुंचाई है. हालांकि, बाद में इसके लिए उन्होंने माफी (Manjhi Apologizes After Abusing Brahmin) मांगी है.