पटना: सीएम नीतीश कुमार द्वारा पवन वर्मा के लिए दिए गए बयान के बाद आरजेडी ने जेडीयू पर हमला बोला है. आरजेडी नेता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी में डिक्टेटरशिप चलता है. यहां किसी को बोलने की आजादी नहीं है.
आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार आरएसएस के गोद में खेल रहे हैं. देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. ऐसे में जेडीयू नेता द्वारा विरोध में दिए गए बयान पर कार्रवाई की बात करना डिक्टेटरशिप को दर्शाता है. जो व्यक्ति देशहित और समाज हित में बोलता है उस पर कार्रवाई करने की बात हो रही है.
नीतीश कुमार की दो टूक
बता दें कि, सीएम नीतीश कुमार ने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है. पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री हैं उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.
यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे सफाई देने की मांग की थी. पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'
आरजेडी की नजर
बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए, एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं. आरजेडी जेडीयू के दो खेमे में खींचतान पर नजर गड़ाए हुए हैं क्योंकि चुनावी साल में जो भी मुद्दा मिल जाए वह तो आपके समय तरकस में बड़ा तीर साबित होता है और उसे भुनाने में सभी लगे रहते हैं .ऐसे में आरजेडी भी समय और मुद्दे का इंतजार कर रही है.
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